कोरोना संकट के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी लड़ाई मार्च के महीने में शुरू हुई. मार्च में जब पूरी दुनिया में कोरोना फैला हुआ था, जिन देशों में सबसे ज्यादा फैला हुआ था वहां से भारतीयों ने कहा कि वह अपने देश आना चाहते हैं. कोरोना प्रभावित देशों से 35,000 लोग दिल्ली आए. उनकी स्क्रीनिंग हुई और जिसको बुखार हुआ उनको अस्पतालों में भर्ती किया. यह सब लोग अपने घर चले गए क्योंकि उन दिनों जानकारी कम थी और गाइडेंस भी कम थी. इनके घर जाने के बाद कोरोना फैला, lockdown हुआ तो कोरोना कम फैला.
केजरीवाल ने कहा कि 15 मई के आसपास से कोरोना तेज़ी से फैलने लगा. जून के महीने में उम्मीद से ज्यादा तेजी से फैलने लगा. जून के महीने में जब बेड की दिक्कत हुई तो मौत का आंकड़ा बढ़ने लगा. आखिर में प्लान बनाया कि कोरोना से लॉकडाउन खोलकर लड़ना पड़ेगा. हमने अस्पतालों में पिछले 1 महीने में बड़े स्तर पर बेड का इंतजाम किया. हमने निर्णय लिया कि दिल्ली के सभी बड़े अस्पतालों में 40 फ़ीसदी बेड कोरोना के लिए रिज़र्व किये जाए. कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल बनाये. होटल को हॉस्पिटल के साथ जोड़कर उनकी क्षमता बढ़ाई. राधा स्वामी सत्संग व्यास में 2000 बेड्स तैयार हो गए हैं. बुराड़ी अस्पताल में 450 बेड तैयार कर दिए हैं. जून के पहले हफ्ते में दिल्ली में अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे थे. आज 13500 में से 7500 बेड्स खाली पड़े हैं.
दूसरा हथियार- टेस्टिंग और आइसोलेशन
कुछ टेस्टिंग लैब ने गड़बड़ करनी शुरू की. वह पॉजिटिव को नेगेटिव दिखा देते नेगेटिव को पॉजिटिव दिखाते थे. हमने इनके खिलाफ कार्रवाई की. जून के पहले हफ्ते में जहां रोजाना 5 हज़ार टेस्ट हो रहे थे. वहीं आज 20000 टेस्ट रोजाना हो रहे हैं. अब कोई यह शिकायत नहीं कर रहा कि टेस्ट नहीं हो रहे. इसके लिए केंद्र सरकार का शुक्रिया, जिन्होंने रैपिड टेस्ट किट्स हमको दी. हमने अब खुद भी ये किट्स खरीद ली हैं.
तीसरा हथियार- ऑक्सीजन और ऑक्सीमीटर
इस बीमारी में सबसे बड़ी समस्या होती है ऑक्सीजन की. जिसकी वजह से आदमी की मौत हो जाती है सभी होम आइसोलेशन वाले मरीजों को हमने ऑक्सीमीटर भेज दिए हैं. मरीजों को बता दिया है कि अगर ऑक्सीजन की दिक्कत हो तो बता देना या तो घर पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भेज देंगे या आपको अस्पताल में भेज देंगे. हम कोशिश कर रहे हैं कि दिल्ली सरकार के हर अस्पताल के बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था हो.
चौथा हथियार- प्लाजमा थेरेपी
इस मामले में दिल्ली ने पूरे देश को रास्ता दिखाया. सबसे पहले दिल्ली में ही प्लाजमा थेरेपी दी गई और 29 लोगों पर ट्रायल किया गया. प्लाजमा थेरेपी बहुत से लोग इस्तेमाल कर रहे हैं जो मरीज बहुत ही ज्यादा सीरियस हो जाते हैं उनके ऊपर प्लाज्मा थेरेपी ज्यादा काम नहीं करती लेकिन मॉडरेट मरीज की हालत को और खराब होने से यह थेरेपी बचाती है.
पांचवा हथियार- सर्वे और स्क्रीनिंग
सीएम केजरीवाल ने कहा कि आज से 20 हज़ार लोगों का सीरोलॉजिकल सर्वे कर रहे हैं जिसे पता चले कि यह वायरस कहां-कहां फैला हुआ है. केंद्र सरकार का शुक्रिया, मीडिया का शुक्रिया, समाजसेवी संस्थाओं और शुक्रिया. कोरोना हारेगा, दिल्ली जीतेगी हमारे यह पांचों हथियार खूब कारगर साबित होंगे.
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