- कमांडर हंजुल्ला नामक संदिग्ध हैंडलर ने सुरक्षा बलों को धमकी देते हुए बम बनाने के वीडियो मुजामिल को साझा किए थे
- अंकारा में रहने वाला हैंडलर उकासा को डॉ. मुजामिल और डॉ. उमर ने उनकी तुर्की यात्रा के दौरान मार गिराया था
- फरीदाबाद पुलिस ने अल-फलाह विश्वविद्यालय की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया है और कई डॉक्टर गिरफ्तार हैं
दिल्ली ब्लास्ट मामले में सुरक्षा एजेंसियों को पता चला है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों को उनके विदेशी हैंडलर्स ने बम बनाने के 42 वीडियो भेजे थे. ये वीडियो मुज़म्मिल के साथ वीडियो शेयर किए थे. मौलवी इरफ़ान वागी के ज़रिए ही यह हैंडलर मुज़म्मिल के संपर्क में आया था. यह वही व्यक्ति है जिसका नाम कमांडर हंजुल्ला भाई के हस्ताक्षर वाले जैश के पोस्टरों पर छपा था.
सुरक्षा बलों को दी थी घमकी
पाकिस्तान स्थित जैश हैंडलर हंजुल्ला ने डॉ. मुजामिल के साथ कई बम बनाने के वीडियो साझा किए थे. सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि यह हंजुल्ला कौन है...अब तक यह छद्म नाम प्रतीत होता है. कमांडर हंजुल्ला भाई का नाम जैश के पोस्टरों पर था, जो 18 अक्टूबर को नौगाम में दिखाई दिए थे. उसने सुरक्षा बलों को धमकी देते हुए बम बनाने के वीडियो शेयर किए गए थे.
दूसरा हैंडलर अंकारा में रहने वाला उकासा है. जिसे डॉ. मुज़म्मिल और डॉ. उमर उन नबी दोनों ने अपनी तुर्की यात्रा के दौरान मुलाकात की थी.
अल फलाह पर कसा शिकंजा
जहां कई एजेंसियां दिल्ली में हुए कार विस्फोट और हाल ही में पर्दाफाश हुए कम से कम तीन राज्यों में फैले सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल की जांच कर रही हैं. वहीं फरीदाबाद पुलिस ने अल फलाह विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जांच के लिए एक अलग विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है, जिसके कई डॉक्टरों को इस हाई-प्रोफाइल मामले में गिरफ्तार किया गया था.
इस बीच, सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों ने एक कैब ड्राइवर, एक मौलवी और एक उर्दू शिक्षक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. SIT में दो सहायक पुलिस आयुक्त, एक निरीक्षक और दो उप-निरीक्षक शामिल हैं. विश्वविद्यालय की गतिविधियों पर SIT एक व्यापक रिपोर्ट तैयार कर रही है.
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