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प्रदूषण पर दिल्ली सरकार का हल्ला बोल, विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की हवा को साफ करना हमारी प्राथमिकता है.

प्रदूषण पर दिल्ली सरकार का हल्ला बोल, विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश
नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पेश की.मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सदन में यह रिपोर्ट पेश किया. इस रिपोर्ट में वाहनों से होने वाले प्रदूषण का विस्तृत लेखा-जोखा शामिल है. कैग की यह रिपोर्ट वर्ष 2022 की दूसरी रिपोर्ट है, जो 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष से संबंधित है. रिपोर्ट हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है.

दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, खासकर सर्दियों के महीनों में जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है. दिल्ली सरकार ने इसके नियंत्रण के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जैसे कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना, सार्वजनिक परिवहन को सशक्त करना और प्रदूषण नियंत्रण नियमों को सख्ती से लागू करना. 

इधर राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है. आज से ही दिल्ली में 15 साल से पुरानी पेट्रोल और डीजल गाड़ियों को ईंधन नहीं मिलेगा. इस फैसले को लागू करने के लिए सभी पेट्रोल पंपों को पत्र लिखकर सूचित कर दिया गया है. दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक बना हुआ है और इसके लिए वाहनों को प्रमुख जिम्मेदार माना जा रहा है. 

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) के एक अध्ययन के अनुसार, दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए सबसे बड़ा कारण वाहन हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि शहर में एक करोड़ से अधिक गाड़ियां हैं और हर रोज 500 से ज्यादा चार पहिया वाहनों का पंजीकरण होता है. इनमें से पुरानी गाड़ियां, जो उत्सर्जन मानकों को पूरा नहीं करतीं, प्रदूषण के स्तर को और बढ़ा रही हैं. सरकार का मानना है कि 15 साल पुरानी गाड़ियों पर ईंधन आपूर्ति बंद करने से प्रदूषण में कमी आएगी.

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की हवा को साफ करना हमारी प्राथमिकता है. CAG की रिपोर्ट से हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि वाहनों का प्रदूषण पर कितना असर पड़ रहा है और इसे कैसे रोका जा सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम सही दिशा में है, लेकिन इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सख्त निगरानी जरूरी होगी.

दिल्लीवासियों को अब वैकल्पिक परिवहन साधनों पर निर्भरता बढ़ानी पड़ सकती है. सरकार ने पुरानी गाड़ियों के मालिकों से अपील की है कि वे अपनी गाड़ियों को स्क्रैप करें और प्रदूषण कम करने में सहयोग दें. 

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