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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 (Delhi Assembly Elections 2025) के परिणाम सामने आ गए हैं. भारतीय जनता पार्टी ने 27 साल बाद देश की राजधानी में वापसी की है. लगातार तीसरे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का खाता नहीं खुला है. कांग्रेस पार्टी के हाथ एक बार फिर कोई भी सीट नहीं आयी है. आम आदमी पार्टी के उदय के बाद दिल्ली में कांग्रेस के लिए लगातार अस्तित्व का संकट बरकरार है. हालांकि पिछले 2 चुनाव की निराशा के बाद कांग्रेस के लिए इस चुनाव में कुछ अच्छी खबर भी है. पहली खुशी यह है कि कांग्रेस के वोट शेयर में बढ़ोतरी देखने को मिली है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के उम्मीदवारों ने कम से कम 11 सीटों पर आम आदमी पार्टी का खेल बिगाड़ा है.
कांग्रेस ने AAP के दिग्गजों को नहीं पहुंचने दिया विधानसभा
कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों ने दिल्ली की प्रमुख सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों का खेल बिगाड़ा है. अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज , सोमनाथ भारती जैसे दिग्गज नेताओं की हार में कांग्रेस के उम्मीदवारों का भी बड़ा योगदान राजनीति के जानकार मान रहे हैं.
नई दिल्ली: केजरीवाल-4000 वोट से हारे
संदीप दीक्षित को 4500 वोट मिले.
जंगपुरा : सिसोदिया 675 वोट से हारे
फरहाद सूरी को मिले-7350 वोट मिले.
ग्रेटर कैलाश: सौरभ भारद्वाज 3188 वोट से हारे
कांग्रेस को वोट मिले 6711.
दिल्ली की 11 सीटें जहां कांग्रेस ने काटे वोट, AAP की हुई हार
- बादली- आप 13 हजार वोट से हारी, कांग्रेस को वोट मिले 38 हजार वोट.
- त्रिलोकपुरी- आप 2100 वोट से हारी, कांग्रेस को वोट मिले 7 हजार.
- मालवीय नगर- आप 2100 वोट से हारी, कांग्रेस को वोट मिले 7 हजार.
- मादिपुर - आप 11 हजार वोट से हारी,कांग्रेस को वोट मिले 18 हजार.
- नांगलोई - आप 26 हजार वोट से हारी, कांग्रेस को वोट मिले 32 हजार.
- छतरपुर - आप 6239 वोट से हारी, कांग्रेस को वोट मिले 6601.
- रजिंदर नगर - आप 1231 वोट से हारी, कांग्रेस को वोट मिले 4015.
- संगम विहार - आप 344 वोट से हारी, कांग्रेस को वोट मिले 15863.
- ग्रेटर कैलाश - सौरभ भारद्वाज 3188 वोट से हारे, कांग्रेस को वोट मिले 6711.
- जंगपुरा - सिसोदिया 675 वोट से हारे, फरहाद सूरी को मिले-7350 वोट मिले.
- नई दिल्ली - केजरीवाल-4000 वोट से हारे, संदीप दीक्षित को 4500 वोट मिले.
कांग्रेस का बढ़ा वोट शेयर
इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 2.2 प्रतिशत वोट का लाभ हुआ है. पिछले चुनाव में कांग्रेस को जहां 4.20 प्रतिशत वोट मिले थे वहीं इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों को 6.40 प्रतिशत वोट मिले. वहीं अगर बात करें आम आदमी पार्टी और बीजेपी के वोट प्रतिशत में अंतर का तो बीजेपी को इस चुनाव में बीजेपी को 45.69 प्रतिशत वोट मिले हैं वहीं आम आदमी पार्टी को 43.54 प्रतिशत वोट मिले हैं. दोनों के वोट के अंतर को देखा जाए तो कांग्रेस की बढ़ी हुई वोट को अगर जोड़ा जाए तो आंकड़ा आसपास पहुंच सकता है.
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1998 के बाद पहली बार बीजेपी को मिली जीत
1998 में दिल्ली का किला जीतने के लिए अपनी सबसे कद्दावर नेता सुषमा स्वराज को कमान सौंपी थी, लेकिन अरमान अधूरे ही रहे. बीजेपी 27 साल से दिल्ली में वनवास पर थी. कांग्रेस के बाद भगवा रथ को दिल्ली में करप्शन के मुद्दे पर प्रचंड बहुमत से सत्ता में आए केजरीवाल ने रोके रखा. बीजेपी लोकसभा चुनाव में दिल्ली जीतती और विधानसभा चुनाव में हार जाती. लेकिन 8 फरवरी 2025 को बीजेपी के लिए सब बदल गया. 2024 में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव जीता. दिल्ली की सभी सात सीटों पर लगातार तीसरी बार कब्जा किया और 11 महीने बाद भी भगवा रंग फीका नहीं होने दिया.
दिल्ली में प्रचंड बहुमत से पार्टी जीती. जीत और बढ़त के साथ वह 46 सीटों पर आगे हैं. बीजेपी का यह दिल्ली विजय 1993 की उसकी रेकॉर्ड जीत से कई मायने में बढ़कर है. 1993 में बीजेपी ने 42.8 पर्सेंट वोट शेयर के साथ 49 सीटों पर कब्जा किया था. दिल्ली में बीजेपी में उसकी सीटें इस रेकॉर्ड जीत से कुछ कम जरूर हैं, लेकिन उसका वोट शेयर 46.29 पर्सेंट (दोपहर 2 बजे तक ) तक पहुंचा है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पहली बार यह जनाधार हासिल किया है.
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