दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 (Delhi Assembly Elections 2020) की तारीख के ऐलान के साथ सभी दलों ने कमर कस ली है. इस बार भी राजधानी में मुकाबला त्रिकोणीय होगा. सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी (AAP) ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अभी तक 57 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है. कांग्रेस 54 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) नई दिल्ली सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे. इसी सीट से वह विधायक भी हैं. बात करें AAP की चुनावी तैयारियों की तो पार्टी जमीनी स्तर के अलावा सोशल मीडिया पर भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रही है और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक AAP सरकार के पिछले पांच साल के विकास कार्यों को गिनवा रही है. AAP का डिजिटल रूम सोशल मीडिया पर कंटेंट की चौकस निगहबानी करता है.
NDTV ने जब AAP के डिजिटल रूम के बारे में तफ्सील से जानना चाहा तो वहां उनके दफ्तर में नौजवान कार्यकर्ता कंप्यूटर स्क्रीन्स पर नजरें गड़ाए बैठे मिले. वह सोशल मीडिया पर सिर्फ राजनीतिक चीजें देख रहे थे. कौन आइडिया देता है और कौन मंजूरी. कोई मजाकिया चीज AAP के सोशल मीडिया पेज पर कैसे आती है, दिल्ली सरकार के संवाद और विकास आयोग के उपाध्यक्ष जैस्मिन शाह ने इसके बारे में विस्तार से बताया.
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जैस्मिन शाह ने कहा, 'हमारे यहां पारंपरिक ढांचा नहीं है. यहां वॉलंटियर्स हैं. सबके पास सरकार का रिपोर्ट कार्ड है. वह पॉप कल्चर से चीजें उठाते हैं. पूरी रचनात्मकता एक कोर सोशल मीडिया टीम तक जाती है जो इसका आंकलन करती है और फिर आगे बढ़ाती है.' NDTV ने जब शाह से पूछा कि क्या कोई टीम विरोधियों पर भी नजर रखती है. तो उन्होंने जवाब दिया, 'बिल्कुल, उन्हें तो नजरअंदाज किया ही नहीं जा सकता. हमारी टीम नजर रखती है कि कांग्रेस और BJP के सोशल मीडिया पेज पर क्या हो रहा है. हम ये भी देखते हैं कि हमने जो कंटेंट भेजा है उसपर लोग क्या कह रहे हैं.'
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AAP की सोशल मीडिया टीम के सदस्य अभिजीत ने अपने काम के डेली रूटीन के बारे में बताया, 'हमें सुबह 9:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की लिस्ट मिलती है. जिसके बाद हम लोग उस जानकारी को सोशल मीडिया के जरिए जनता तक पहुंचाते हैं.' सोशल मीडिया पर वायरल मीम से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'हमारी टीम साथ बैठकर इंटरनेट पर दिलचस्प चीजों को देखती है फिर हम तय करते हैं कि क्या करना है. मीम्स में पॉप कल्चर और बॉलीवुड का बोलबाला है. हमने 'गली बॉय' का सहारा लिया तो BJP ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 'पाप की अदालत' में दोषी ठहराया. कांग्रेस ने मुन्नाभाई के मीम के जरिए अपना मैसेज लोगों तक पहुंचाया.'
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उन्होंने आगे कहा, 'सियासी दलों के लिए सोशल मीडिया में अक्सर जीत उसी की होती है जिसके मजाकिया मीम्स पसंद किए जाते हैं.' डिजिटल रूम की सदस्य जूलिया कहती हैं, 'कई बार हम विरोधियों के पोस्ट देखते हैं कि उनका रुख बचाव का है या आक्रामक.' फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम ही नहीं, इस बार नौजवान वोटरों के लिए उनके पसंदीदा प्लेटफॉर्म यानी 'टिकटॉक' पर भी चुनावी मीम्स से जुड़े वीडियो की मौजूदगी दर्ज करवाई जा रही है. जैस्मिन कहते हैं, 'टिकटॉक' 25 साल से कम उम्र के लोगों में बहुत लोकप्रिय है. हमारा थीम सॉन्ग 'लगे रहो केजरीवाल' इलेक्शन कैंपेन का तराना बन गया है. 'टिकटॉक' पर छोटे बच्चे झाड़ू के साथ इस सॉन्ग पर नाच रहे हैं.'
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