राजधानी दिल्ली और एनसीआर में हवा की क्वालिटी (Delhi Air Pollution) हर दिन खराब होती जा रही है. पंजाब और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए (Stubble Burning)जाने से दिल्ली-एनसीआर के आसमान में काली धुंध की चादर देखी जा सकती है. वायु प्रदूषण की वजह से दिल्ली और एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (Delhi AQI) खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है. लोगों को अब ठीक से धूप भी नसीब नहीं हो रही है. सुबह से शाम तक धुंध की चादर रहती है. इस बीच कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मेनैजमेंट(CAQM) ने एक अहम बैठक के बाद ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तीसरे फेज यानी ग्रैप-3 को लागू कर दिया है.
किसी भी तरह के निर्माण पर रोक रहेगी. अगर कहीं ध्वस्तीकरण भी होना है, तो ग्रैप-3 लगने के बाद नहीं किया जा सकेगा. सिर्फ कुछ कैटेगरी के प्रोजेक्ट को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा.
GRAP-3 के लागू होने के बाद आप निजी निर्माण नहीं करा सकेंगे. दीवारों पर रंगाई-पुताई का काम भी नहीं हो पाएगा.
हॉट मिक्स प्लांट, ईंट के भट्ठे और स्टोन क्रशर चलाने पर इस दौरान पूरी तरह से रोक लगी रहेगी.
स्टेज-3 और स्टेज-4 वाले पेट्रोल वाहनों और हल्के मोटर पहिया वाहनों पर भी पाबंदी रहेगी.
300 किलोमीटर के अंदर प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्रियल यूनिट, थर्मल पावर प्लांट के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है.
होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों के तंदूर में कोयले और जलावन लकड़ी के इस्तेमाल पर पूरी तरह से बैन रहेगा.
दिल्ली-एनसीआर में सभी माइनिंग और उससे जुड़ी एक्टिविटी पर रोक रहेगी.
इस दौरान रेलवे सर्विस/रेलवे स्टेशनों के लिए प्रोजेक्ट, मेट्रो रेल सर्विस और मेट्रो स्टेशनों के लिए प्रोजेक्ट, एयरपोर्ट और इंटर स्टेट बस टर्मिनल से संबंधित चीजों पर रोक नहीं रहेगी.
सड़क, पुल, फ्लाईओवर, ओवर ब्रिज, पावर प्लांट, पाइपलाइन जैसी पब्लिक प्रोजेक्ट भी पहले की तरह चलते रहेंगे.
प्लंबर, बढ़ई का काम, बिजली सबंधी काम पर कोई रोक नहीं रहेगी. सफाई से जुड़े प्रोजक्ट भी होते रहेंगे.