निर्भया मामले पर बनी डाक्यूमेंट्री में मुजरिमों के वकीलों की बयानबाजी को लेकर अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया भी एक्शन में दिख रही है। बार काउंसिल ने नोटिस देकर वकील एपी सिंह और एमएल शर्मा से पूछा है कि महिलाओं के खिलाफ गलत बयानबाजी को लेकर क्यों न उन पर कार्रवाई हो।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा है कि दोनों वकीलों को तीन हफ्ते में जबाब देना है और अगर जबाब से कमेटी संतुष्ट नहीं होती तो उनके लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं।
इसके अलावा कई बड़े वकील भी निर्भया के दोषियों के वकीलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। केटीएस तुलसी का कहना है कि एपी सिंह और एमएल शर्मा के बयानों से ऐसा लगता है कि मुजरिमों और उनके बयानों में समानता है किसी भी सभ्य वकील की ऐसी भाषा नहीं हो सकती। वहीं महिला वकील आभा सिंह का कहना है कि यह मुद्दा पहले भी बार काउंसिल के पास आया था, लेकिन तब कमेटी ने वकीलों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
वहीं दोनों वकीलों का कहना है कि उन्होंने जो बयान दिए हैं वह उस पर कायम हैं। वकील एमएल शर्मा ने कहा कि उन्होंने कोर्ट के खिलाफ कुछ नहीं बोला है और उनका कोई भी बयान कोर्ट के खिलाफ नहीं है। उनका कहना है कि कोर्ट के बैन के बाद भी जो लोग डॉक्यूमेंट्री देखकर उन पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं दरअसल कार्यवाही तो उन पर होनी चाहिए। वहीं दूसरे वकील एपी सिंह का कहना है कि जो लोग भारत की संस्कृति के खिलाफ हैं, उन्हीं को बयान से आपत्ति है।
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