मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
डीडीसीए मानहानि मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अर्जी को पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सीएम केजरीवाल की दलील थी कि मुद्दे तय करने से पहले प्रभावित होने वाले सभी पक्षों को सुना जाना चाहिए. कोर्ट अगली सुनवाई 25 मार्च को करेगा. मुख्यमंत्री केजरीवाल की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने कहा था कि मुद्दे तय करने से पहले प्रभावित होने वाले सभी पक्षों को सुना जाना चाहिए. अदालत ने अर्जी पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 20 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
मुख्यमंत्री केजरीवाल की अर्जी पर बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने कहा था कि यह मामला मानहानि का नहीं है बल्कि चुनावी प्रचार के दौरान बयानबाजी का है. उस दौरान कही गई सभी बातें सच नहीं होतीं इसलिए उन बातों को मानहानि का आधार नहीं बनाया जा सकता. कोर्ट के समक्ष जेठमलानी ने कहा था कि उनके मुव्वकिल व अन्य आरोपियों को समन जारी हो चुका है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनके खिलाफ आरोप भी तय किए जाएं. एक आरोपी के बयान को दूसरे आरोपी के बयान के तौर पर नहीं देखा जा सकता.
भाजपा नेता जेटली ने केजरीवाल व अन्य आप नेताओं के खिलाफ 21 दिसंबर 2015 को मानहानि की शिकायत दायर मुकदमा चलाने की मांग की थी. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि वह वर्ष 2000 से 2013 के बीच डीडीसीए के अध्यक्ष थे. इन आरोपियों ने उनके व उनके परिवार पर स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी 21 सेंचुरी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड से वित्तीय लाभ लेने के झूठे बयान दिए जिससे उनकी व उनके परिवार की बदनामी हुई है.
मुख्यमंत्री केजरीवाल की अर्जी पर बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने कहा था कि यह मामला मानहानि का नहीं है बल्कि चुनावी प्रचार के दौरान बयानबाजी का है. उस दौरान कही गई सभी बातें सच नहीं होतीं इसलिए उन बातों को मानहानि का आधार नहीं बनाया जा सकता. कोर्ट के समक्ष जेठमलानी ने कहा था कि उनके मुव्वकिल व अन्य आरोपियों को समन जारी हो चुका है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनके खिलाफ आरोप भी तय किए जाएं. एक आरोपी के बयान को दूसरे आरोपी के बयान के तौर पर नहीं देखा जा सकता.
भाजपा नेता जेटली ने केजरीवाल व अन्य आप नेताओं के खिलाफ 21 दिसंबर 2015 को मानहानि की शिकायत दायर मुकदमा चलाने की मांग की थी. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि वह वर्ष 2000 से 2013 के बीच डीडीसीए के अध्यक्ष थे. इन आरोपियों ने उनके व उनके परिवार पर स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी 21 सेंचुरी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड से वित्तीय लाभ लेने के झूठे बयान दिए जिससे उनकी व उनके परिवार की बदनामी हुई है.
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