अलवर जिले में रकबर खान पर गौ तस्करी के शक में भीड़ ने हमला किया था.
जयपुर:
राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि अलवर मामले में अकबर उर्फ रकबर खान की मौत अस्पताल ले जाने में हुई देरी के कारण हुई. इस मामले की न्यायिक जांच कराई जाएगी.
अलवर में घटना स्थल का जायजा लेने के बाद कटारिया ने कहा कि मामले में साक्ष्यों से पता चलता है कि अकबर उर्फ रकबर की मौत पुलिस हिरासत में हुई है और सरकार इसकी न्यायिक जांच कराएगी. उन्होंने कहा कि जांच में पता चला है कि पहले गायों को गौशाला ले जाकर छोड़ा गया. उन्हें ऐसा कतई नहीं करना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि हमने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को इस मामले की जांच शुरू करने के लिए लिखा है. उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में मौत के मामले में पीड़ित परिजनों को दिए जाने वाले मुआवजे का निर्णय जिला स्तरीय विधिक कमेटी द्वारा लिया जाता है. ऐसे मामलों में जिला सत्र न्यायाधीश निर्णय लेते हैं. उन्होंने कहा कि इसी तरह पहले भी पहलू खान के साथ मारपीट के मामले में राज्य सरकार ने 1.25 लाख रुपये का मुआवजा मृतक खान के परिजनों को दिया था. उसके बाद मुआवजा जिला विधिक कमेटी की अनुशंसा के आधार पर दिया जाता है.
यह भी पढ़ें : अलवर मॉब लिंचिंग: रकबर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा, चोट लगने के बाद सदमे से हुई मौत
अलवर में मॉब लिंचिंग के शिकार रकबर को अस्पताल ले जाने में देरी हुई, यह बात निलंबित पुलिस एएसआई ने भी मानी है. इस बीच रकबर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई है जिसमें यह साफ है कि उसकी मौत पिटाई से हुई है. रकबर के साथी असलम के बयान की वजह से घिरे अलवर के विधायक ने मांग की है कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए. असलम ने पुलिस को दिए लिखित बयान में कहा है कि उसने भीड़ को कहते सुना था कि विधायक उनके साथ हैं.
रकबर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक उसके जिस्म पर 13 जख्म थे. फेफड़े पिचके हुए थे और चोट की वजह से पूरा जिस्म सदमे में था. ज़्यादा ख़ून बहने से मौत हुई. शरीर हाइपरटेंशन में चला गया और खून ऑक्सीज़न मुहैया न करा सका. अंग फेल होते चले गए
और ख़ून की कमी पूरी न हो सकी.
यह भी पढ़ें : अलवर मॉब लिंचिंग: रकबर के साथी ने कहा, मारने वाले कह रहे थे हमारे साथ MLA साहब हैं
रकबर को वक़्त पर अस्पताल ले जाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी. एनडीटीवी ने उस गौशाला के मालिक से बात की जहां पुलिस रकबर के पास से जब्त गायें रखने पहुंची थी. उसका कहना है- तब पुलिस के साथ रकबर नहीं था.
VIDEO : चोट लगने के बाद सदमे से हुई मौत
गौरतलब है कि गत शुक्रवार-शनिवार की रात में रकबर खान अपने एक दोस्त असलम के साथ अलवर के रामगढ़ थाना क्षेत्र से दो गाय हरियाणा ले जा रहा था. कुछ लोगों के समूह ने उनके साथ मारपीट की जिसमें रकबर खान की मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि रकबर के दोस्त असलम ने पुलिस पड़ताल में दावा किया कि उन्होंने दो गाय लाडपुरा गांव से खरीदी थीं, और इन्हें शनिवार की रात पैदल ले जा रहे थे. लालवंडी गांव के पास कुछ लोगों ने उन्हें रोका और मारपीट की.
अलवर में घटना स्थल का जायजा लेने के बाद कटारिया ने कहा कि मामले में साक्ष्यों से पता चलता है कि अकबर उर्फ रकबर की मौत पुलिस हिरासत में हुई है और सरकार इसकी न्यायिक जांच कराएगी. उन्होंने कहा कि जांच में पता चला है कि पहले गायों को गौशाला ले जाकर छोड़ा गया. उन्हें ऐसा कतई नहीं करना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि हमने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को इस मामले की जांच शुरू करने के लिए लिखा है. उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में मौत के मामले में पीड़ित परिजनों को दिए जाने वाले मुआवजे का निर्णय जिला स्तरीय विधिक कमेटी द्वारा लिया जाता है. ऐसे मामलों में जिला सत्र न्यायाधीश निर्णय लेते हैं. उन्होंने कहा कि इसी तरह पहले भी पहलू खान के साथ मारपीट के मामले में राज्य सरकार ने 1.25 लाख रुपये का मुआवजा मृतक खान के परिजनों को दिया था. उसके बाद मुआवजा जिला विधिक कमेटी की अनुशंसा के आधार पर दिया जाता है.
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अलवर में मॉब लिंचिंग के शिकार रकबर को अस्पताल ले जाने में देरी हुई, यह बात निलंबित पुलिस एएसआई ने भी मानी है. इस बीच रकबर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई है जिसमें यह साफ है कि उसकी मौत पिटाई से हुई है. रकबर के साथी असलम के बयान की वजह से घिरे अलवर के विधायक ने मांग की है कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए. असलम ने पुलिस को दिए लिखित बयान में कहा है कि उसने भीड़ को कहते सुना था कि विधायक उनके साथ हैं.
रकबर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक उसके जिस्म पर 13 जख्म थे. फेफड़े पिचके हुए थे और चोट की वजह से पूरा जिस्म सदमे में था. ज़्यादा ख़ून बहने से मौत हुई. शरीर हाइपरटेंशन में चला गया और खून ऑक्सीज़न मुहैया न करा सका. अंग फेल होते चले गए
और ख़ून की कमी पूरी न हो सकी.
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रकबर को वक़्त पर अस्पताल ले जाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी. एनडीटीवी ने उस गौशाला के मालिक से बात की जहां पुलिस रकबर के पास से जब्त गायें रखने पहुंची थी. उसका कहना है- तब पुलिस के साथ रकबर नहीं था.
VIDEO : चोट लगने के बाद सदमे से हुई मौत
गौरतलब है कि गत शुक्रवार-शनिवार की रात में रकबर खान अपने एक दोस्त असलम के साथ अलवर के रामगढ़ थाना क्षेत्र से दो गाय हरियाणा ले जा रहा था. कुछ लोगों के समूह ने उनके साथ मारपीट की जिसमें रकबर खान की मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि रकबर के दोस्त असलम ने पुलिस पड़ताल में दावा किया कि उन्होंने दो गाय लाडपुरा गांव से खरीदी थीं, और इन्हें शनिवार की रात पैदल ले जा रहे थे. लालवंडी गांव के पास कुछ लोगों ने उन्हें रोका और मारपीट की.
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