जिग्नेश मेवानी को अहमदाबाद एयरपोर्ट से हिरासत में ले लिया गया था
अहमदाबाद:
गुजरात में दलित आंदोलन की अगुवाई करने वाले जिग्नेश मेवानी को शुक्रवार रात अहमदाबाद हवाईअड्डे से हिरासत में ले लिया गया था. दिल्ली से लौट रहे जिग्नेश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय यात्रा से पहले हिरासत में लिया गया. बता दें कि पीएम अपने जन्मदिन के मौके पर दो दिन के लिए गुजरात आए हुए हैं.
मेवानी को क्राइम ब्रांच दफ्तर में रखा गया था और अब उन्हें रिहा कर दिया गया है. हालांकि शनिवार को मेवानी ने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट डाली है जिसके मुताबिक उन पर अभी भी नज़र रखी गई है.
इस पोस्ट में लिखा गया है 'दोस्तों और शुभचिंतकों, मैं तकनीकी तौर पर तो रिहा हो गया हूं लेकिन अभी भी मेरे ऊपर नंज़रबंदी की तरह नज़रें रखी जा रही है क्योंकि अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम लगातार मेरे साथ है.
अभी अभी खबर मिली है कि कार्यकर्ता दोस्त शमशाद पठान और आसिम शेख को दादरी पार्ट 2 यानि गौरक्षकों द्वारा अहमदाबाद के मोहम्मद अय्यूब की हत्या के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए हिरासत में ले लिया गया है. बाहर निकलिए और उनका साथ दीजिए. बाहर निकलिए और बस्तर के प्रभात सिंह और कश्मीर के खुर्रम परवेज़ का साथ दीजिए. मेरी हिरासत तो नगण्य है, उन्हें समर्थन की जरूरत है.'
बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद में कथित गो-रक्षकों ने कुछ दिन पहले 29 वर्षीय एक व्यक्ति की जमकर पिटायी कर दी थी. गंभीर चोटों के साथ शहर के एक अस्पताल में भर्ती उस व्यक्ति की शुक्रवार को मौत हो गई. इसे ही मेवानी ने दादरी पार्ट 2 का नाम दिया गया है.
इसके अलावा बस्तर के पत्रकार प्रभात सिंह शुक्रवार शाम से लापता बताए जा रहे हैं, वहीं कश्मीरी कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ को जेनेवा के लिए उड़ान भरने से पहले ही कश्मीर पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया. खुर्रम संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के एक सत्र में शामिल होने के लिए जेनेवा जा रहे थे.
मेवानी को हिरासत में लेने की वजह पीएम के आगमन को बताया गया ताकि उनके किसी भी कार्यक्रम में विघ्न न पड़े. कुछ पाटीदार नेताओं को भी हिरासत में ले लिया गया ताकि हाल ही में अमित शाह के आगमन पर हुआ हंगामा दोबारा न हो जाए.
मेवानी को क्राइम ब्रांच दफ्तर में रखा गया था और अब उन्हें रिहा कर दिया गया है. हालांकि शनिवार को मेवानी ने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट डाली है जिसके मुताबिक उन पर अभी भी नज़र रखी गई है.
इस पोस्ट में लिखा गया है 'दोस्तों और शुभचिंतकों, मैं तकनीकी तौर पर तो रिहा हो गया हूं लेकिन अभी भी मेरे ऊपर नंज़रबंदी की तरह नज़रें रखी जा रही है क्योंकि अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम लगातार मेरे साथ है.
अभी अभी खबर मिली है कि कार्यकर्ता दोस्त शमशाद पठान और आसिम शेख को दादरी पार्ट 2 यानि गौरक्षकों द्वारा अहमदाबाद के मोहम्मद अय्यूब की हत्या के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए हिरासत में ले लिया गया है. बाहर निकलिए और उनका साथ दीजिए. बाहर निकलिए और बस्तर के प्रभात सिंह और कश्मीर के खुर्रम परवेज़ का साथ दीजिए. मेरी हिरासत तो नगण्य है, उन्हें समर्थन की जरूरत है.'
बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद में कथित गो-रक्षकों ने कुछ दिन पहले 29 वर्षीय एक व्यक्ति की जमकर पिटायी कर दी थी. गंभीर चोटों के साथ शहर के एक अस्पताल में भर्ती उस व्यक्ति की शुक्रवार को मौत हो गई. इसे ही मेवानी ने दादरी पार्ट 2 का नाम दिया गया है.
इसके अलावा बस्तर के पत्रकार प्रभात सिंह शुक्रवार शाम से लापता बताए जा रहे हैं, वहीं कश्मीरी कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ को जेनेवा के लिए उड़ान भरने से पहले ही कश्मीर पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया. खुर्रम संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के एक सत्र में शामिल होने के लिए जेनेवा जा रहे थे.
मेवानी को हिरासत में लेने की वजह पीएम के आगमन को बताया गया ताकि उनके किसी भी कार्यक्रम में विघ्न न पड़े. कुछ पाटीदार नेताओं को भी हिरासत में ले लिया गया ताकि हाल ही में अमित शाह के आगमन पर हुआ हंगामा दोबारा न हो जाए.
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