अख़लाक़ की हत्या के आरोपी रवि की पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को सौंपी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बिसाहड़ा गांव में अख़लाक़ की हत्या के आरोपी रवि की पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट मौत की जांच कर रहे न्यायिक मजिस्ट्रेट को सौंप दी गयी है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि रिपोर्ट में मौत का कारण 'सेप्टिसीमिया' बताया गया है. सेप्टीसीमिया यानी शरीर में इन्फेक्शन.
रिपोर्ट में कहा गया है कि रवि के फेफड़ों में इन्फेक्शन इतना ज्यादा हो गया था कि इसके पस पड़ गया था जिससे उसके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था खासतौर से उसकी किडनी ने. रवि के घरवालों ने आरोप लगाया था कि उसकी मौत जेल में पिटाई होने से हुई है. इसके बाद सरकार जेलर को भी हटा दिया था लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक रवि के शरीर के अंदर या बाहर चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं यानी उसकी जेल में पिटाई नहीं हुई है.
रवि को जेल के अधिकारी 4 अक्टूबर को दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में लेकर आये थे और उसी दिन शाम को उसकी मौत हो गयी थी. इसके बाद घरवालों की मांग पर 5 अक्टूबर को 3 डॉक्टरों के पैनल ने उसका पोस्टमॉर्टम किया. रवि की मौत के बाद उसके गांव बिसाहड़ा में तनाव फैल गया था. रवि के घरवालों ने गौकशी के आरोप में अख़लाक़ के भाई जान मोहम्मद को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए 1 करोड़ का मुआवजा और जेलर को गिरफ्तार करने की बात कही थी.
इसके बाद घरवालों ने रवि के शव को तिरंगे में लपेटकर रखा और विरोध प्रदर्शन भी किया. यूपी सरकार ने सीबीआई जांच की बात कहकर रवि के परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवज़ा दिया और जेलर को भी कासना जेल से हटा दिया. हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने घरवालों के आरोप खारिज़ कर दिए हैं. अब इस बात की जांच होगी कि क्या जेल के अधिकारियों ने रवि के इलाज में कोताही बरती.
रिपोर्ट में कहा गया है कि रवि के फेफड़ों में इन्फेक्शन इतना ज्यादा हो गया था कि इसके पस पड़ गया था जिससे उसके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था खासतौर से उसकी किडनी ने. रवि के घरवालों ने आरोप लगाया था कि उसकी मौत जेल में पिटाई होने से हुई है. इसके बाद सरकार जेलर को भी हटा दिया था लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक रवि के शरीर के अंदर या बाहर चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं यानी उसकी जेल में पिटाई नहीं हुई है.
रवि को जेल के अधिकारी 4 अक्टूबर को दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में लेकर आये थे और उसी दिन शाम को उसकी मौत हो गयी थी. इसके बाद घरवालों की मांग पर 5 अक्टूबर को 3 डॉक्टरों के पैनल ने उसका पोस्टमॉर्टम किया. रवि की मौत के बाद उसके गांव बिसाहड़ा में तनाव फैल गया था. रवि के घरवालों ने गौकशी के आरोप में अख़लाक़ के भाई जान मोहम्मद को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए 1 करोड़ का मुआवजा और जेलर को गिरफ्तार करने की बात कही थी.
इसके बाद घरवालों ने रवि के शव को तिरंगे में लपेटकर रखा और विरोध प्रदर्शन भी किया. यूपी सरकार ने सीबीआई जांच की बात कहकर रवि के परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवज़ा दिया और जेलर को भी कासना जेल से हटा दिया. हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने घरवालों के आरोप खारिज़ कर दिए हैं. अब इस बात की जांच होगी कि क्या जेल के अधिकारियों ने रवि के इलाज में कोताही बरती.
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