सोशल मीडिया (Social Media) के माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) ने भारत सरकार पर केस किया है. ट्विटर कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) में पहुंच गया है. ट्विटर का सरकार पर राजनीतिक सामग्री ब्लॉक करने का आदेश देने का आरोप है. उसका कहना है कि केंद्र के आदेश मनमाने हैं. इस मामले में साइबर सुरक्षा के विशेषज्ञ जितेन जैन ने NDTV से बातचीत में कहा कि ट्विटर के केस में उसने न तो आदेश का पालन किया, न वह कोर्ट में जा रहा था. उसका कहना है कि उसके हिसाब से यह भारत के कानून के अंतर्गत है और ट्विटर की पॉलिसी के खिलाफ है. झगड़ा इस बात का है कि ट्विटर की पॉलिसी बड़ी है या भारत का कानून?
जितेन जैन ने कहा कि ''कानून के तहत एक प्रक्रिया है कि भारत सरकार या उसके किसी मंत्रालय को यह लगता है कि किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ ऐसी सामग्री है जो कि दंगे भड़का सकती है या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकती है, तो उसे हटवाने के लिए किसी नोडल अधिकारी या गजटेड आफीसर के जरिए सरकार रिक्वेस्ट भेजती है. इसके बाद एक कमेटी है जिसमें गृह मंत्रालय,सूचना और प्रसारण मंत्रालय, आईटी मंत्रालय और कानून मंत्रालय के एक-एक अधिकारी होते हैं. कमेटी में शामिल पांच अधिकारियों को यदि यह लगता है कि सामग्री गैरकानूनी है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है, तो कमेटी गजटेड आफीसर के द्वारा एक आदेश पारित करती है कि उस सामग्री को हटा दिया जाए. पहले 48 घंटे का एक नोटिस दिया जाता है. यदि कोई इमरजेंसी है, धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली सामग्री है तो बिना सुनवाई के तुरंत आदेश पारित कर किया जा सकता है. यह जो कानून है इसके तहत कमेटी के आदेश का सोशल मीडिया को हर हाल में पालन करना होता है. यदि आपत्ति हो तो सोशल मीडिया मामले को कोर्ट में ले जा सकता है.''
उन्होंने कहा कि, ''सरकार की कार्रवाई में पूरी पारदर्शिता है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के संबंधित लोगों को बुलाया जाता है. एविडेंस होते हैं, रिकॉर्डिंग होती है. ऐसा नहीं होता कि किसी व्यक्ति ने मेरे खिलाफ कुछ कहा तो उसे ब्लॉक कर दो.''
जितेन जैन ने कहा कि, ''यदि ट्विटर को ऐसा लगता है कि भारत में जो अभिव्यक्ति की आजादी है उसको भारत सरकार ही खत्म कर रही है तो वह एक साल पहले ही किसी अदालत में जा सकता था. मगर अदालत भी न जाना, आदेश का अनुपालन भी न करना और यह कहना आपके कानून का पता नहीं, हमारी पॉलिसी के हिसाब से है, यह तो किसी भी राष्ट्र में नहीं हो सकता. यह झगड़ा सिर्फ भारत में नहीं है, कई देशों में हो रहा है. ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में भी हो रहा है.''
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