शांति काल में बहादुरी के दूसरे सबसे बड़े सम्मान कीर्ति चक्र से सम्मानित सीआरपीएफ के कमांडेंट (CRPF Commandant) चेतन चीता (Chetan Cheetah) की हालत नाजुक बनी हुई है. सीआरपीएफ (CRPF) के इस जाबांज कमांडेट का इलाज झज्जर के एम्स के आईसीयू में चल रहा है. चेतन चीता को कोविड होने पर 9 मई को एम्स में भर्ती कराया गया है. परसों से जब ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा तब से चेतन चीता को वेटिलेंटर पर रखा गया है. एम्स के डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है और सीआरपीएफ के अधिकारियों के मुताबिक उनका हर संभव बेहतर इलाज हो रहा है. अपनी बहादुरी के लिए चेतन चीता तब चर्चा में आये जब 14 फरवरी 2017 को कश्मीर के बांदीपोरा में आतंकियों से मुठभेड़ हो गई.
आतंकियों ने गोलियों से उनके शरीर को छलनी कर दिया. उन पर एक साथ 30 गोलियां दागी गईं. उनके शरीर में नौ गोली लगी. इसके बावजूद हिम्मत के साथ चेतन चीता ने आतंकियों पर 16 राउंड फायर किये औ एक आतंकी को मार गिराया. मुठभेड़ के दौरान बुरी तरह जख्मी हो गए. हाथ, पैर, कुल्हे और पेट में गोलियां लगीं. सिर और चेहरे पर छर्रे लगे. दायीं आंख को नुकसान भी हुआ. देशभर से दुआएं की गईं. एम्स में 100 डॉक्टरों की टीम की मेहनत रंग लाई और 51 दिन एम्म में रहने के बाद इस जाबांज ने मौत को पटखनी दी. मौत को हराकर बुलंद हौसले के साथ फिर से डयूटी ज्वाइन किया.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी चेतन चीता के हालचाल को लेकर एम्स, झज्जर के डॉक्टरों से बातचीत की है. बिरला ने कहा कि वह जांबाज और फाइटर हैं और पिछली बार की तरह जल्द ही स्वस्थ होकर लौट आयेंगे. अदम्य साहस और वीरता के प्रतीक इस जांबांज से एक बार फिर सबको उम्मीद है कि वह कोरोना को भी हराकर मैदान में लौटेंगे.
उनकी पत्नी ने NDTV इंडिया को बताया है चेतन चीता फिलहाल वेंटिलेटर पर हैं और लोगो से अपील है कि उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करें.
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