एक पुरानी कहावत है कि राजनीति में न तो कोई स्थायी दोस्त होता है और न दुश्मन। कुछ यही हाल इन दिनों पश्चिम बंगाल में देखने को मिल रहा है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बंगाली न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि सीपीएम उनके लिए अछूती नहीं है।
दरअसल तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता को लग रहा है कि केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद बीजेपी के हौसले बुलंद हैं और अब उसकी नजर बंगाल पर है। बीजेपी को बंगाल से दूर रखने के लिए ममता ने इशारों−इशारों में कहा कि अगर सीपीएम के साथ आने का कोई प्रस्ताव आता है, तो इस पर विचार किया जा सकता है।
ममता ने कहा कि राजनीति में कोई अछूत नहीं होता। ममता बनर्जी ने हाल ही में बिहार के उपचुनावों में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन को मिली सफलता पर लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार को बधाई दी। ममता का कहना है कि अगर लोकसभा चुनाव से पहले ये दल बीजेपी के खिलाफ साथ आ जाते, तो बीजेपी को इतनी सीटें न मिलतीं।
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