पश्चिम बंगाल में कार्यस्थलों पर कम्प्यूटीकरण का विरोध करने के आरोप का सामना कर चुकी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) आगामी लोकसभा चुनावों के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) को एक प्रचार अभियान उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रही है. माकपा की इस नयी परियोजना की देखरेख करने वाले नेता समिक लाहिड़ी ने बुधवार को कहा कि 'समता' (समानता) प्रचार अभियान संबंधी समाचार और लोगों के हितों से जुड़े अन्य मामलों के प्रचार-प्रसार के लिए एआई-जनित किरदार है. उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘लोग जो कहना चाहते हैं उसे सामने लाने के लिए हम कृत्रिम मेधा का उपयोग कर रहे हैं.''
अस्सी के दशक के अंत और नब्बे के दशक की शुरुआत में कंप्यूटरीकरण भारत के कार्यस्थलों पर अपनी जगह बना रहा था और उस वक्त पश्चिम बंगाल में माकपा को अपने विपक्षियों द्वारा आधुनिकीकरण का विरोधी होने के आरोप का सामना करना पड़ रहा था.
उन्होंने कहा कि पार्टी ने कंप्यूटरीकरण के नाम पर कुछ निजी क्षेत्र के बैंकों में बड़े पैमाने पर छंटनी का विरोध किया था. उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हम हमेशा प्रगति के पक्षधर रहे हैं.''
‘समता' के बेहतर कार्य करने का दावा करते हुए लाहिड़ी ने विश्वास जताया कि यह आगामी लोकसभा चुनावों के प्रचार अभियान में एक बहुत ही सहायक उपकरण होगा.
पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा कि माकपा को अपने लोकसभा चुनाव अभियान के लिए एआई का उपयोग करने से पहले उन युवाओं से माफी मांगनी चाहिए, जो कंप्यूटरीकरण पर उनकी (माकपा की) नीति के कारण अच्छे भविष्य से वंचित रह गए.
बसु ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘अगर वे एआई का उपयोग करना चाहते हैं, तो उन्हें पहले उन लोगों से माफी मांगनी चाहिए, जो कंप्यूटरीकरण और यांत्रिकीकरण पर उनकी नीतियों के कारण भविष्य से वंचित हो गये हैं.''
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं