पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने गुरुवार को घोषणा की है कि सक्षम कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड के फेस-3 के क्लीनिकल ट्रायल के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली है. एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि ICMR और SII ने नोवावेक्स, अमेरिका की ओर से विकसित और SII द्वारा अपस्केल की गई कोवावेक्स के क्लीनिकल विकास के लिए सहयोग किया है. ICMR के बयान के अनुसार, यह साझेदारी निजी और सार्वजनिक संस्थानों के कोरोना महामारी के असर को कम करने का एक बड़ा उदाहरण है. जहां ICMR ने क्लीनिकल ट्रायल की साइट फीस की फंडिंग की है जबकि SII ने कोविशील्ड के अन्य खर्चो की फंडिंग की है.
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मौजूदा समय में SII और ICMR कोविशील्ड के तीन में से दूसरे फेस का ट्रायल देश के 15 अलग-अलग शहरों में आयोजित करा रहे हैं. इसके लिए सभी 1600 प्रतियोगियों के एनरोलमेंट की प्रक्रिया 31 अक्टूबर को खत्म हुई थी. ICMR ने कहा है कि ट्रायल के अब तक के परिणामों ने यह विश्वास जगाया है कि कोविशील्ड, कोरोना वायरस की महामारी का समाधान हो सकता है. कोविशील्ड अब तक भारत में टेस्ट हुई सबसे एडवांस वैक्सीन है जिसका इंसानों पर परीक्षण चल रहा है. कोविशील्ड को SII को पुणे की लेबोरेट्री में Oxford University/AstraZeneca के सहयोग से विकसित किया गया है. बयान के अनुसार, वैक्सीन के हाल में ही ब्रिटेन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका में ट्रायल हो रहे हैं.
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