कर्नाटक के रेजिडेंशियल स्कूलों में कई कोविड क्लस्टर मिले हैं. सिर्फ स्कूलों में ही नहीं बल्कि मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज में भी कोविड मरीज मिले हैं. ऐसे में अभिभावक परेशान हैं क्योंकि ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण के पहले दो मामले भी कर्नाटक में ही पाए गए थे. चिकमंगलूर के नवोदय आवासीय विद्यालय में 103 लोग कोविड से संक्रमित पाए गए जिनमें से 93 छात्र हैं.ओमिक्रॉन संक्रमण के बाद राज्य का यह पहला बड़ा कोविड क्लस्टर है. हालांकि इससे पहले और भी कई स्कूल- कॉलेज कोविड क्लस्टर बन चुके हैं.
इस बीच ओमिक्रॉन के पहले दो मामले कर्नाटक में मिले तो छात्रों के माता पिता तय नहीं कर पा रहे कि अपने बच्चों को स्कूल भेजें या नहीं. अभिभावक विनीता अग्रवाल ने कहा कि ''मेरे दो बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं. अब वाकई हमें डर लगने लगा है कि हम उन्हें भेजें या ना भेजें. पर जिस तरह से यहां पर कई स्कूलों में बच्चे संक्रमित हुए हैं इसके बाद तो बिल्कुल कुछ समझ में नहीं आ रहा. सरकार को कुछ न कुछ इस सिलसिले में फैसला लेना चाहिए.''
पिछले एक हफ्ते के दौरान कोविड के मामले यहां बढ़ रहे हैं. इस पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने भी चिंता जताई है. मामले और बढ़ सकते हैं क्योंकि सरकार अब राज्य में आरटीपीसीआर टेस्ट 40 हजार प्रतिदिन से बढ़ाकर एक लाख करने जा रही है. राज्य की आधी आबादी को ही वैक्सीन की दोनों डोज़ लगी हैं, यानी तकरीबन तीन करोड़ 20 लाख लोगों को. ऐसे में दबाव शिक्षा मंत्री पर भी है. पहली से 12वीं तक की कक्षाएं खुल चुकी हैं.
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि ''अभिभावक चिंतित हैं, हम भी चिंतित हैं. ऐसा नहीं है कि हमें चिंता नहीं है, लेकिन बच्चों में पॉजिटिविटी रेट काफी कम है.''
स्कूलों को लेकर सरकार काफी दबाव में है. अगर कुछ और कोविड क्लस्टर स्कूलों में मिले तो स्कूल खुले रखने के अपने फैसले पर सरकार को दोबारा सोचना होगा, क्योंकि अभिभावक ओमिक्रॉन संक्रमण के इस दौर में और जोखिम उठाना नहीं चाहते.
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