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This Article is From Jan 21, 2021

महाराष्‍ट्र: कोरोना वैक्‍सीन को लेकर दूर नहीं हो पा रहा 'डर', बर्बाद हो रही कोवैक्‍सीन की डोज..

कोवैक्सीन की हर वायल में 20 डोज़ होती हैं, शीशी खुलने के बाद महज़ चार घंटे तक इस्तेमाल में लायी जा सकती है. मुंबई के इस इकलौते कोवैक्सीन सेंटर जेजे हॉस्पिटल में तीन दिनों में कुल 13 डोज़ बर्बाद हुई हैं.

महाराष्‍ट्र: कोरोना वैक्‍सीन को लेकर दूर नहीं हो पा रहा 'डर', बर्बाद हो रही कोवैक्‍सीन की डोज..
कोरोना टीका लगवाने वालों की संख्‍या रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
मुंंबई:

Covid-19 Vaccination: कोरोना के खिलाफ देशभर में टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से प्रारंभ हो चुका है लेकिन टीका को लेकर लोगों में अभी भी कुछ संशय और डर की स्थिति बनी हुई है. देश में कोरोना से बचाव के लिए दो वैक्‍सीन कोविशील्‍ड (Covishield) और कोवैक्‍सीन (covaxin) लगाई जा रही है लेकिन कोवैक्‍सीन को लेकर यह डर ज्‍यादा है. हालत यह है कि कोवैक्सीन की डोज़ बर्बाद हो रही है, इस वैक्‍सीन को लगवाने वाले भी घटे हैं. स्वास्थ्यकर्मी ‘वेट एंड वॉच' मोड में हैं.  अब डॉक्टरों की सबसे बड़ी एसोसिएशन IMA महाराष्ट्र का कहना है नामचीन हस्तियों को वैक्सीन के प्रचार के लिए आगे आना चाहिए.

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कोवैक्सीन की हर वायल में 20 डोज़ होती हैं, शीशी खुलने के बाद महज़ चार घंटे तक इस्तेमाल में लायी जा सकती है. मुंबई के इस इकलौते कोवैक्सीन सेंटर जेजे हॉस्पिटल में तीन दिनों में कुल 13 डोज़ बर्बाद हुई हैं. महाराष्ट्र के अलग-अलग कोवैक्सीन सेंटरों में भारत बायोटेक की इस वैक्‍सीन की 89 डोज़ बर्बाद होने की ख़बर है. यही नहीं, कोविशील्ड वैक्सीन वाले सेंटरों में भी टर्नआउट कम होता दिख रहा है .मुंबई के सबसे बड़े वैक्सीन सेंटर बीकेसी जंबो कोविड फ़सिलिटी के डीन डॉक्टर राजेश डेरे बताते हैं कि ज़्यादातर स्वास्थ्यकर्मी ‘वेट एंड वॉच' मोड में हैं.

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बीकेसी वैक्सीन सेंटर के डीन डॉ. राजेश डेरे मानते हैं, ‘'टीकाकरण उतनी तादाद में नहीं हो रहा है जितनी उम्‍मीद थी. कोविड वॉर रूम से सभी मेसेज जाते हैं. हम अपनी तरफ़ से लोगों को प्रोत्साहन देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन दो दिनों में टर्नआउट कम हुआ है, सभी वेट एंड वॉच मोड में हैं, उनको लग रहा है आज नहीं, कल लेते हैं, परसों लेते हैं, इस वजह से दो दिन ड्रॉप हुआ है. जिन वरिष्ठ डॉक्‍टर्स ने टीका लगवाया हैउनके ज़रिए भी लोगों को मोटिवेट करने की और उनके डर को हटाने की कोशिश कर रहे हैं.'' डॉ. शाहीन खान जैसी कुछ जनरल प्रैक्टिशनर कहती हैं कि उन्हें वैक्सीन से डर नहीं लेकिन कुछ समय तक इंतज़ार ज़रूरी है. उन्‍होंने कहा, ‘'फ़िलहाल वैक्सीन को लेकर जो जो खबरें हैं उसको देखते हुए मैं वैक्सीन फ़िलहाल लेना नहीं चाहूंगीं. थोड़ा वेट एंड वॉच करूंगी. मेरे छोटे बच्चे हैं, अगर कुछ दिक़्क़त हुई तो कौन संभालेगा, इसलिए फ़िलहाल थोड़ा इंतज़ार करूंगी. वैसे वैक्सीन तो लेना ही है, हम सभी को इम्‍युनिटी चाहिए लेकिन थोड़ा रुककर टीका लूंगी.''

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के महाराष्ट्र प्रवक्ता कहते हैं कि सरकार टीकाकरण का ठीक से प्रचार करना चाहिए, इसके लिए नामी हस्तियों का सहारा लिया जाना चाहिए. IMA महाराष्ट्र के प्रवक्‍ता डॉ. अविनाश भोंडवे ने कहा, ‘'भारतवर्ष के अख़बार में सरकार को बड़े-बड़े इश्तहार देने चाहिए कि वैक्सीन सेफ़ है तो ज़रूर लोगों में विश्वास बढ़ेगा. हर जगह के पोलिटिकल और सोशल लीडर्स को वैक्सीन लेने की इच्छा दिखानी चाहिए और प्रचार करना चाहिए.हर राज्य के मशहूर एक्‍टर्स और स्‍पोर्ट्समैस, जिन्हें लोग फ़ॉलो करते हैं, की मदद वैक्सीन के किए भरोसा बनाने में लेनी चाहिए.'' केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ़ से लोगों में विश्वास बढ़ाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. स्वास्थ्यकर्मियों के बाद आम लोगों को टीका लगाया जाएगा, इसके पहले वैक्‍सीन को लेकर लोगों के बीच भरोसा पैदा करना बेहद जरूरी है. 

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