देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने अपने दो और अस्पतालों, दीपचंद बंधु अस्पताल (200 बेड)और सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल (200 बेड) को कोरोना अस्पताल घोषित कर दिया है. इन अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट को आदेश दिया गया है कि 2 जून तक इन अस्पतालों को कोरोना अस्पताल में बदल दें. फिलहाल इन अस्पतालों में जो मरीज एडमिट हैं, उनको दिल्ली सरकार के दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जा सकता है या अगर जरूरत है तो स्पेशलाइज इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल में भी भर्ती कराया जा सकता है जिसका सारा खर्चा दिल्ली सरकार वहन करेगी. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की ओर से यह आदेश दिया गया है. जैन ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि इस समय दिल्ली में करीब 5000 से ज़्यादा बेड की उपलब्धता कोरोना के लिए हो चुकी है, जिसमें करीब 3700 बेड सरकारी अस्पतालों में हैं जबकि करीब 1400 बेड प्राइवेट अस्पतालों में हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना वायरस के केसों में पिछले दो दिन में अचानक बड़ा उछाल देखने को मिला है. दिल्ली में लगातार दूसरे दिन कोरोना के 1000 से ज्यादा नए मामले सामने आए. पिछले चौबीस घंटों में 1106 नए मामले सामने आए हैं और देश की राजधानी में कोरोना संक्रमण के केसों की संख्या 17 हजार के पार (17, 386) पहुंच गई है. गौरतलब है कि देश में भी कोरोना वायरस के केसों का ग्राफ लगातार ऊपर चढ़ रहा है. भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 1,65,799 हो गई है. 24 घंटे में कोरोना के सबसे ज्यादा 7466 नए मामले सामने आए हैं जबकि 175 लोगों की मौत हुई है. कोरोना से अभी तक 4706 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि 71 हजार 106 मरीज इस बीमारी को मात देने में सफल भी हुए हैं. देश में पिछले एक हफ्ते से प्रतिदिन कोरोना वायरस के छह हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं. यह पहली बार है कि मामलों की संख्या 7 हजार के आंकड़ों को पार कर गई है.
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