ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत अर्जी को बुधवार को खारिज कर दिया. यह चौथी बार है जब नीरव मोदी की जमानत याचिका को खारिज किया गया है. इससे पहले निचली अदालत तीन बार उसकी याचिका खारिज कर चुकी है. हीरा कारोबारी का प्रयास है कि पंजाब नेशनल बैंक के साथ करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उसे भारत को न सौंपा जाए. न्यायाधीश इंग्रिड सिमलर ने नीरव मोदी और भारत की ओर से पैरवी कर रही ब्रिटेन की अभियोजन सेवा के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि यह मानने का ठोस आधार है कि नीरव मोदी जमानत पर छूटने के बाद फिर से कानून के आगे समर्पण नहीं करेगा क्योंकि उसके भाग जाने की पर्याप्त आशंका है.
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निचली अदालत ने भी जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान इसी तरह की आशंका जताई थी. सिमलर ने अपने फैसले में कहा कि सभी महत्वपूर्ण चीजों पर सावधानीपूर्वक विचार के बाद यह माना है कि यदि नीरव मोदी को जमानत पर छोड़ा जाता है तो वह सबूत के साथ छेड़छाड़ और न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचा सकता है. न्यायाधीश ने नीरव मोदी की 20 लाख पौंड की जमानत की पेशकश का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रार्थी बड़ी मात्रा में धन जुटाने की स्थिति में है. न्यायाधीश ने कहा कि सभी 12 गवाहों ने एक ही तरफ का आरोप लगाया कि - उन्हें धमकी दी जा रही है और डराया जा रहा है. इन परिस्थितियों में इस बात के पक्के सबूत हैं कि आवदेक (नीरव मोदी) और उनके लिए काम करने वाले आदमी सबूतों को नष्ट कर सकते हैं.
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इससे पहले नीरव मोदी की कानूनी टीम ने मंगलवार को उच्च न्यायालय के सामने अपनी दलीलें पेश की थीं. नीरव मोदी के वकीलों ने कहा था कि मोदी विकिलिक्स के सह - संस्थापक जूलियन असांजे नहीं हैं, जो कि इक्वाडोर के दूतावास में शरण लिए हुए था, नीरव एक साधारण जौहरी हैं. नीरव मोदी की अर्जी के खिलाफ भारत की ओर से पैरवी कर रही ब्रिटेन की अभियोजन सेवा के वकीलों ने दोहराया कि इस स्तर पर इस बात की प्रबल आशंका है कि मोदी ब्रिटेन छोड़कर फरार हो जाए और उनके पास ऐसा करने के लिए पर्याप्त धन भी है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने फैसला सुनाने के लिए बुधवार का दिन तय किया था.
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इससे पहले लंदन की निचली अदालत तीन बार नीरव मोदी की जमानत की अर्जी खारिज कर चुकी थी. उस मजिस्ट्रेटी अदालत की भी राय थी कि भारत में कानूनी रूप से भगोड़े घोषित इस हीरा कारोबारी को जमानत देने में यह बड़ा जोखिम है कि वह ब्रिटेन से भाग सकता है और कानून के समक्ष समर्पण नहीं करेगा. लंदन की पुलिस ने 19 मार्च को नीरव मोदी को गिरफ्तार किया था और उसके बाद से वह जेल में है. याचिका पर फैसला आने के बाद फिलहाल उन्हें जेल में ही रहना होगा.(इनपुट भाषा से)
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