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This Article is From Mar 22, 2023

वाराणसी में होगा देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे, PM मोदी 24 मार्च को करेंगे शिलान्यास 

भारत विश्व में तीसरा देश और यहां वाराणसी पहला शहर होगा जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का इस्तेमाल किया जाएगा. रोपवे की कुल दूरी 3.8 किलोमीटर होगी जो करीब 16 मिनट में तय होगी. साथ ही लगभग 50 मीटर की ऊंचाई से करीब 150 ट्रॉली कार चलेंगी.

वाराणसी में होगा देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे, PM मोदी 24 मार्च को करेंगे शिलान्यास 
पीएम नरेंद्र मोदी अपने वाराणसी दौरे पर रोप-वे निर्माण का शिलान्यास करेंगे.
वाराणसी :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे की सौगात देने वाले हैं. पीएम 24 मार्च को वाराणसी दौरे पर होंगे और इस दौरान रोप-वे निर्माण का शिलान्यास करेंगे. यह रोप-वे कैंट रेलवे स्टेशन (वाराणसी जंक्शन) से गोदौलिया चौराहे तक चलेगा. इसके बनने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर, दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा. योजना पर 644.49 करोड़ की लागत आएगी. वाराणसी में नेशनल हाई वे, रिंग रोड, फ्लाईओवर, आरओबी, के बाद अब भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे बनने से वाराणसी में आने वाले देशी -विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भी काफी राहत मिलेगी. 

वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल ने बताया कि देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे पहले चरण में वाराणसी कैंट से गोदौलिया के बीच चलाया जाएगा. काशी के पुराने इलाकों की सड़कें सकरी होने और ट्रैफिक का दबाव निरंतर बढ़ने से अक़्सर यहां जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे देशी विदेशी पर्यटकों के अलावा स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. 

बोलीविया और मेक्सिको के बाद भारत तीसरा देश 
नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि बोलीविया के लापाज और मेक्सिको के बाद भारत विश्व में तीसरा देश और यहां वाराणसी पहला शहर होगा जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने बताया कि ये पायलट प्रोजेक्ट है और इसका निर्माण स्विट्जरलैंड की कंपनी बर्थाेलेट और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलपीएल) मिलकर करेंगी. 

2 साल में तैयार होगा रोप-वे
उन्होंने बताया कि वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक कुल पांच स्टेशन होंगे, जिनमे कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा. रोप-वे की कुल दूरी 3.8 किलोमीटर होगी जो करीब 16 मिनट में तय होगी. साथ ही लगभग 50 मीटर की ऊंचाई से करीब 150 ट्रॉली कार चलेंगी.  उन्होंने बताया कि एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार हो सकते हैं और यात्रियों के लिए हर डेढ़ से दो मिनट पर ट्रॉली उपलब्ध रहेगी. एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे. रोप वे का संचालन 16 घंटे होगा और यह 2 साल में बनकर तैयार हो जाएगा. उन्होंने बताया की भूमि अधिग्रहण, तार व पाइप शिफ्टिंग का काम तेजी से चल रहा है. 

कला-संस्कृति की दिखेगी झलक 
रोप-वे के लिए बनने वाले सभी स्टेशन पर काशी की कला, धर्म और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. रोप-वे की ट्रॉली पर भी काशी की थाती देखने को मिल सकती है. कैंट रेलवे स्टेशन के पास ही रोडवेज बस अड्डा है, इसलिए कैंट स्टेशन पर रोप वे स्टेशन बनने से ट्रेन और बस से यात्रा करने वाले दोनों यात्रियों को काफी सहूलियत मिलेगी. 

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