रायुपर/नई दिल्ली:
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर शनिवार को हुए हमले के विरोध में रविवार को राजधानी रायपुर सहित पूरा प्रदेश बंद रहा। बंद के दौरान दवा की दुकानों को छोड़ अन्य सभी दुकानें बंद रही और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही न के बराबर रही। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने रेल गाड़ियों का परिचालन बाधित किया।
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत विभिन्न नेताओं ने हमले की तीव्र भर्त्सना की। कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकार पर सुरक्षा में कोताही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वामपंथी चरमवाद से लड़ने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
कांग्रेस ने नक्सली हमले के विरोध में छत्तीसगढ़ में बंद का आह्वान किया था। बंद का राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में व्यापक असर देखा गया। सुबह से ही कांग्रेस के कार्यकर्ता ने रमन सिंह सरकार को बर्खास्त करने की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए। कहीं-कहीं कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। बंद के चलते यात्री बसों और अन्य सवारी गाड़ियों के नहीं चलने से आम लोग परेशान हुए।
रायगढ़ स्टेशन पर समरसता एक्सप्रेस, हावड़ा-अहमदाबाद और टिटलागढ़ पैसेंजर को रोक दिया गया। लगभग डेढ़ घंटे के बाद इन्हें रवाना किया गया।
उधर, नक्सली हमले की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को कहा कि हर तरह के चरमपंथ से निपटने के लिए अधिक दृढ़ता की जरूरत है। साथ ही यह भी कोशिश की जानी चाहिए कि जिन लोगों ने इससे लड़ने में अपनी जान गंवाई है, वह व्यर्थ न जाए।
नक्सलवाद को देश के समक्ष एक बड़ी चुनौती करार देते हुए उन्होंने कहा, "मैं हमले में जान गंवाने वाले लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। ईश्वर उनके परिवार के सदस्यों को दुख की इस घड़ी को सहन करने की क्षमता दे।"
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि नक्सलियों का हमला कांग्रेस के खिलाफ नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और इंसानियत के खिलाफ हमला है।
हमले में मरने वाले कांग्रेस नेताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए पार्टी कार्यालय में आयोजित शोकसभा में सोनिया ने कहा, "हमले से कांग्रेस में गुस्सा है। हम अपने बहादुर साथियों की तारीफ करते हैं।
कांग्रेस हर तरह की चुनौती को स्वीकार करती है। हम किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस का इतिहास कुर्बानियों का रहा है। हम मृतक साथियों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं और दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों के साथ हैं।"
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री चरणदास महंत ने कहा, "हमारे साथियों ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए बलिदान दिया है। हमने नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा और उदय मुदलियार जैसे साथियों को खोया है।"
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के काफिले पर हुआ नक्सली हमला लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर हमला, लोकतंत्र एवं देश के विचार पर हमला है।"
कांग्रेस ने कहा कि वामपंथी चरमवाद के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई लड़ने वालों की हिफाजत सुनिश्चित कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हिंसा से सख्ती और नरमी के समन्वित तरीके से निपटने की जरूरत है। लेकिन यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि जो लोग वामपंथी चरमवाद या इस तरह की अलगाववादी विचारधाराओं के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई लड़ते हैं, उनकी हिफाजत की जाए।"
इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी कांग्रेस नेताओं पर हुए नक्सली हमले की निंदा की है। भाजपा ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर एकजुट और चरमवाद की इस समस्या का मुकाबला करें।
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, "छत्तीसगढ़ में हुई नक्सली हिंसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।"
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत विभिन्न नेताओं ने हमले की तीव्र भर्त्सना की। कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकार पर सुरक्षा में कोताही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वामपंथी चरमवाद से लड़ने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
कांग्रेस ने नक्सली हमले के विरोध में छत्तीसगढ़ में बंद का आह्वान किया था। बंद का राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में व्यापक असर देखा गया। सुबह से ही कांग्रेस के कार्यकर्ता ने रमन सिंह सरकार को बर्खास्त करने की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए। कहीं-कहीं कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। बंद के चलते यात्री बसों और अन्य सवारी गाड़ियों के नहीं चलने से आम लोग परेशान हुए।
रायगढ़ स्टेशन पर समरसता एक्सप्रेस, हावड़ा-अहमदाबाद और टिटलागढ़ पैसेंजर को रोक दिया गया। लगभग डेढ़ घंटे के बाद इन्हें रवाना किया गया।
उधर, नक्सली हमले की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को कहा कि हर तरह के चरमपंथ से निपटने के लिए अधिक दृढ़ता की जरूरत है। साथ ही यह भी कोशिश की जानी चाहिए कि जिन लोगों ने इससे लड़ने में अपनी जान गंवाई है, वह व्यर्थ न जाए।
नक्सलवाद को देश के समक्ष एक बड़ी चुनौती करार देते हुए उन्होंने कहा, "मैं हमले में जान गंवाने वाले लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। ईश्वर उनके परिवार के सदस्यों को दुख की इस घड़ी को सहन करने की क्षमता दे।"
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि नक्सलियों का हमला कांग्रेस के खिलाफ नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और इंसानियत के खिलाफ हमला है।
हमले में मरने वाले कांग्रेस नेताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए पार्टी कार्यालय में आयोजित शोकसभा में सोनिया ने कहा, "हमले से कांग्रेस में गुस्सा है। हम अपने बहादुर साथियों की तारीफ करते हैं।
कांग्रेस हर तरह की चुनौती को स्वीकार करती है। हम किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस का इतिहास कुर्बानियों का रहा है। हम मृतक साथियों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं और दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों के साथ हैं।"
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री चरणदास महंत ने कहा, "हमारे साथियों ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए बलिदान दिया है। हमने नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा और उदय मुदलियार जैसे साथियों को खोया है।"
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के काफिले पर हुआ नक्सली हमला लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर हमला, लोकतंत्र एवं देश के विचार पर हमला है।"
कांग्रेस ने कहा कि वामपंथी चरमवाद के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई लड़ने वालों की हिफाजत सुनिश्चित कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हिंसा से सख्ती और नरमी के समन्वित तरीके से निपटने की जरूरत है। लेकिन यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि जो लोग वामपंथी चरमवाद या इस तरह की अलगाववादी विचारधाराओं के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई लड़ते हैं, उनकी हिफाजत की जाए।"
इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी कांग्रेस नेताओं पर हुए नक्सली हमले की निंदा की है। भाजपा ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर एकजुट और चरमवाद की इस समस्या का मुकाबला करें।
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, "छत्तीसगढ़ में हुई नक्सली हिंसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।"
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