खुदरा महंगाई में तेजी का दौर जारी है. सब्जी, दाल और मसालों के महंगा होने से दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति तेजी से बढ़कर चार महीनों के उच्च स्तर 5.69 प्रतिशत पर पहुंच गई. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित मुद्रास्फीति नवंबर, 2023 में 5.55 प्रतिशत और दिसंबर, 2022 में 5.72 प्रतिशत रही थी.
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर, 2023 में बढ़कर 9.53 प्रतिशत हो गई जो इससे पिछले महीने 8.7 प्रतिशत और एक साल पहले के इसी महीने में 4.9 प्रतिशत थी. इससे पहले, बीते साल अगस्त में मुद्रास्फीति 6.83 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी.
ताजा आंकड़ों के अनुसार सब्जियों की महंगाई दिसंबर में सालाना आधार पर 27.64 प्रतिशत रही. उसके बाद दाल और मसालों में कीमत वृद्धि क्रमश: 20.73 प्रतिशत और 19.69 प्रतिशत थी. हालांकि आलोच्य अवधि में तेल और वसा की कीमतों में 14.96 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में ग्रामीण क्षेत्रों में 5.93 प्रतिशत रही जबकि शहरी क्षेत्र में यह 5.46 प्रतिशत थी. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य वस्तुओं की महंगाई शहरी क्षेत्रों के मुकाबले कम रही.
आंकड़ों पर अपनी प्रतिक्रिया में इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘‘मासिक आधार पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति में वृद्धि का कारण खाद्य और पेय पदार्थों की कीमतों में तेजी है. अन्य उप-समूहों में या तो दाम नरम हुए हैं या फिर सालाना आधार पर लगभग स्थिर हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘महंगाई बढ़ाने में खाद्य वस्तुओं में उम्मीद के अनुरूप सब्जियों की भूमिका सबसे ज्यादा रही....''
भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है. उसे मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है.
एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में दिल्ली में सबसे कम 2.95 प्रतिशत मुद्रास्फीति रही जबकि सबसे अधिक 8.73 प्रतिशत मुद्रास्फीति ओडिशा में रही.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं