Maharashtra Coronavirus: महाराष्ट्र सरकार ने विश्वविद्यालयों 3की फाइनल ईयर की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं. जिन छात्रों को परीक्षा देना है उनके लिए भी व्यवस्था की गई है. यानी इन विद्यार्थियों के लिए परीक्षा देने या न देने का विकल्प है. महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के एक लाख 20 हजार से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इसके मद्देनजर सरकार ने यह फैसला लिया है.
कोरोना संक्रमण से सबसे ज़्यादा प्रभावित महाराष्ट्र की सरकार ने विश्वविद्यालयों के फाइनल ईयर की परीक्षाओं को रद्द करने का ऐलान किया है. हालांकि इसके बावजूद अगर कोई छात्र परीक्षा देना चाहता है तो राज्य सरकार ने इसका विकल्प भी खुला रखा है. महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित मामले एक लाख 20 हज़ार पार हो चुके हैं.
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने अब राज्य के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के फाइनल ईयर में पढ़ाई कर रहे बच्चों की परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है. राज्य के सभी 14 विश्वविद्यालयों के नॉन प्रोफेशनल और प्रोफेशनल कोर्स से जुड़े छात्रों के लिए यह फैसला लिया गया है. अब छात्रों को पिछले सेमेस्टर के अंकों के एवरेज (औसत) पर मार्क दिए जाएंगे. हालांकि अगर कोई छात्र इससे खुश नहीं है और परीक्षा देना चाहता है तो सरकार ने उनके लिए परीक्षा का विकल्प भी खुला रखा है. छात्रों को लिखित में देना होगा कि वे परीक्षा देना चाहते हैं या नहीं.
शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने कहा कि ''अगर छात्रों को लगता है कि पिछले सेमेस्टर में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं था और वे परीक्षा देना चाहते हैं तो उनकी परीक्षा का इंतज़ाम कोरोना के मामलों को देखते हुए संबंधित जिले के कलेक्टर की ओर से किया जाएगा.''
राज्य सरकार के इस निर्णय का असर राज्य के 10 लाख से ज़्यादा छात्रों पर पड़ेगा. नॉन प्रोफेशनल कोर्स के फाइनल ईयर में 7.3 लाख छात्र हैं. इंजीनियरिंग, होटल मैनेजमेंट, आर्किटेक्चर, लॉ जैसे कोर्सों में 2.8 लाख छात्र हैं.
पहले जुलाई में परीक्षा आयोजित की जानी थी. राज्य के 41 कॉलेजों और 198 हॉस्टलों का इस्तेमाल क्वारंटाइन सेंटर के लिए किया जा रहा है. कई छात्रों को पिछले परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने के कारण ATKT लगा है. यानी उन्हें ऐसे विषयों की परीक्षा दोबारा देना है. ऐसे छात्रों के लिए सरकार आने वाले दो से चार दिनों में फैसला लेगी.
बीजेपी राज्य सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रही है और इसे केवल छात्रों को खुश करने के लिए लिया गया निर्णय बता रही है. बीजेपी विधायक आशीष शेलार ने कहा कि ''ATKT छात्रों से लेकर अच्छा प्रदर्शन करने वाले सभी छात्रों के लिए राज्य सरकार का यह निर्णय सही नहीं है. हम सरकार से इस पर दोबारा विचार करके फैसला लेने की मांग करते हैं.''
राज्य सरकार की ओर से जहां दलील दी जा रही है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उसे यह फैसला लेना पड़ा, तो वहीं अब राज्यपाल भगरसिंग कोशियारी जो राज्य के विश्वविद्यालयों के चांसलर भी हैं, चाहते हैं कि निर्णय अधिनियम के आधार पर हो. ऐसे में आने वाले दिनों में एक बार फिर राज्य सरकार बनाम राज्यपाल विवाद शुरू हो सकता है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं