कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ अभियान में जुटे चिकित्सा कर्मियों के लिए जरूरी PPE किट राजस्थान के आदिवासी बहुल सागवाड़ा में भी बन रही हैं. यहां कि एक कंपनी हर दिन 2000 किट बना रही है और इस काम में लगे ज्यादातर श्रमिक आदिवासी हैं. इनमें से लगभग आधी आदिवासी महिलाएं हैं. कंपनी ‘जील सीजनलवियर' के निदेशक रोहित त्रिवेदी ने बताया कि सरकार से आर्डर मिलने के बाद कंपनी ने दस दिन पहले पीपीई कवरऑल किट बनानी शुरू की थीं. पहले हर दिन 900 किट बन रही थीं अब इसे बढ़ाकर 2000 प्रतिदिन कर दिया गया है. उन्होंने समाचार एजेंसी को बताया कि भारत सरकार की ओर से एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड के जरिए कंपनी को एक लाख किट का आर्डर मिला है जिसे वह जितना जल्दी हो सकेगा पूरा करने की कोशिश करेगी. कंपनी ने दस दिन पहले किट बनानी शुरू की थीं. पहले वह 900 किट प्रतिदिन बना रही थी जिसे अब बढ़ाकर 2000 किट कर दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के डूंगरपुर जिले में सागवाड़ा एक आदिवासी बहुल इलाका है। त्रिवेदी ने कहा कि कंपनी के श्रमिकों में ज्यादातर वे आदिवासी हैं जिन्हें कंपनी ने प्रशिक्षण देकर तैयार किया है। लॉकडाउन के बीच कंपनी में कार्यरत लगभग 200 श्रमिकों में से 50 प्रतिशत महिलाएं हैं. केंद्र सरकार ने कल कहा था कि देश में कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों का इलाज करने वाले चिकित्सा कर्मियों द्वारा जरूरी कवरऑल की उत्पादन क्षमता बढ़ा कर प्रतिदिन एक लाख से अधिक कर दी गई है.
देश में कवरऑल (पी पी ई) का लगभग पचास प्रतिशत उत्पादन बेंगलुरु में होता है। इसके अलावा राजस्थान के डूंगरपुर, तमिलनाडु के तिरुपुर, चेन्नई और कोयंबटूर, गुजरात के अहमदाबाद और वडोदरा, पंजाब के फगवाड़ा और लुधियाना, महाराष्ट्र के कुसुमनगर और भिवंडी, तथा कोलकाता, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और कुछ अन्य स्थानों पर अनुमोदित इकाइयों द्वारा निर्मित किए जा रहे हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं