ओखला क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान (Amanatullah Khan AAP) ने दावा किया है कि उन्होंने निजामुद्दीन मरकज मामले में पुलिस को 23 मार्च को रात 12 बजे इस बारे में जानकारी दी थी, लेकिन इसपर कार्रवाई नहीं की गई. दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के दौरान मरकज में एक मार्च से 15 मार्च के बीच करीब 2000 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे और अब कई लोग कोरोनावायरस के पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. साथ ही मरकज में शामिल होने वाले लोग देश के कई हिस्सों में जा चुके हैं तो कोरोना के संक्रमण का फैलने का खतरा काफी हद तक बढ़ गया है.
AAP विधायक अमानतुल्ला खान ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करके जानकारी दी. उन्होंने लिखा, ''23 मार्च को रात 12 बजे मैंने डीसीपी साउथ ईस्ट और एसीपी निजामुद्दीन को बता दिया था कि निजामुद्दीन मरकज़ में 1000 के आस-पास लोग फंसे हुए हैं, फिर पुलिस ने इनको भेजने का इंतज़ाम क्यों नहीं किया.''
23 मार्च को रात 12 बजे मैंने DCP South East और ACP Nizamuddin को बता दिया था कि निज़ामुद्दीन मरकज़ में 1000 के आस पास लोग फसे हुए हैं, फिर पुलिस ने इनको भेजने का इंतज़ाम क्यों नही किया।
— Amanatullah Khan AAP (@KhanAmanatullah) March 31, 2020
बता दें कि दक्षिण दिल्ली की वह इमारत जहां निजामुद्दीन मरकज के तहत कई देशों के लोग वहां पहुंचे थे. उसे केंद्र द्वारा कोरोनावायरस हॉटस्पॉट (जहां संक्रमित लोगों की संख्या ज्यादा है) घोषित किया गया है. 8 दिन तक एक धार्मिक आयोजन में कई देशों के हजारों लोगों ने हिस्सा लिया था, जिसमें से अबकर 90 से ज्यादा लोगों का टेस्ट पॉजिटिव आ चुका है, जबकि 7 लोगों की मौत हो चुकी है. जानकारी के मुताबिक 28 मार्च को गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर बताया था कि हमें सूचना मिली है कि तबलीगी जमात में एक धार्मिक कार्यक्रम चल रहा है, हमें आशंका है कि अन्य देशों से आए लोगों से कोरोनावायरस का संक्रमण फैल सकता है.
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