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This Article is From Jul 27, 2022

कांवड़ यात्रा में कानून व्‍यवस्‍था कायम रखने के लिए शामिल हैं 'अंडरकवर' पुलिसकर्मी

मुजफ्फरनगर के वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान जिले से लाखों श्रद्धालु गुजरते हैं और इस लिहाज से सुरक्षा के पर्याप्‍त इंतजाम किए गए हैं.

कांवड़ यात्रा में कानून व्‍यवस्‍था कायम रखने के लिए शामिल हैं 'अंडरकवर' पुलिसकर्मी
शार्ट्स के साथ भगवा रंग की टीशर्ट पहने सैकड़ों पुलिसकर्मी मुजफ्फरनगर में अन्‍य 'भोले' के साथ जुड़ गए हैं
नोंएडा:

कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra ) जैसे ही चरम पर पहुंची है, पश्चिम उत्‍तर प्रदेश के कुछ हिस्‍सों में कानून व्‍यवस्‍था की स्थिति बरकरार रखने के लिए पुलिस ने कांवड़‍ियों का रूप धारण कर लिया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. शार्ट्स या ट्रैकपेंट के साथ भगवा रंग की टीशर्ट पहने सैकड़ों पुलिसकर्मी मुजफ्फरनगर में अन्‍य 'भोले' के साथ जुड़ गए हैं. कांवड़‍ियों को प्‍यार से 'भोले' नाम से संबोधित किया जाता है. कांवड़ यात्रा के दौरान भगवान शिव के भक्‍त, खासकर उत्‍तर भारत में श्रावण में माह में पवित्र मां गंगा का जल लाने के लिए नंगे पैर उत्‍तराखंड के हरिद्वार, गोमुख आदि स्‍थान पर जाते हैं. इस जल को घर वापस लौटने के बाद भगवान शिव को अर्पण किया जाता है. एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि जिले में हजारों पुलिसकर्मियों के साथ सुरक्षा व्‍यवस्‍था कड़ी कर दी गई है. कानून व्‍यवस्‍था बनाए रखने और हवाई निगरानी के लिए ड्रोन तैनात किए गए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि यूपी-उत्‍तराखंड सीमा पर मुजफ्फरनगर,शिव भक्‍तों की वार्षिक धार्मिक यात्रा के लिए प्रमुख जिला है क्‍योंकि उत्‍तराखंड यात्रा के दौरान किसी भी शिवभक्‍त को अनिवार्य रूप से यहां से गुजरना होता है.

उत्‍तराखंड से गंगाजल लाने के बाद कांवड़‍िये मुजफ्फरनगर पहुंचते हैं और फिर मेरठ, शामली आदि स्‍थान चले जाते हैं. स्‍थानीय शिवचौक सहित मुजफ्फनगर के अन्‍य प्रमुख मंदिर पहुंचते हैं. अधिकारी ने अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि सुरक्षा उपाय कड़े किए गए हैं. सामान्‍य तैनाती के अलावा कांवड़‍ियों की वेशभूषा में लगभग 400-500 पुलिसकर्मी कानून व्‍यवस्‍था की स्थिति पर नजर रखने के लिए जुलूस में शामिल हो रहे हैं. उन्‍होंने बातया कि 'भोले' की आड़ में पुलिसकर्मियों की तैनाती पिछले कुछ वर्षों से एक नियमित प्रथा रही है.  

इस अधिकारी ने बताया कि 'अंडरकवर पुलिसकर्मी' जिले के दायरे में रहते हैं और पैदल यात्रा के दौरान कांवड़‍ियों के साथ घुलमिल जाते हैं . उन्‍होंने बताया कि करीब 750 सीसीटीवी कैमरे विभिन्‍न रणनीतिक स्‍थानों पर लगाए गए थे, इसके अलावा प्रमुख स्‍थानों और बाजारों में भीड़ की निगरानी के लिए ड्रोन की तैनाती भी की गई थी. सीसीटीवी कैमरे आईपी संचालित हैं जिन्‍हें अधिकृत व्‍यक्तियों द्वारा दूर के स्‍थानों ने मोबाइल पर भी 'एक्‍सेस' किया जा सकता है. मुजफ्फरनगर के वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान जिले से लाखों श्रद्धालु गुजरते हैं और इस लिहाज से सुरक्षा के पर्याप्‍त इंतजाम किए गए हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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