क्या एक महिला IAS ऑफिसर के लिए किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में अपने बच्चे को लाना और उसे गोद में लेकर सभा को संबोधित करना उचित है? पाथानमथिट्टा (Pathanamthitta) जिले की कलेक्टर दिव्या एस अय्यर के अपने बेटे को एक फिल्म समारोह के समापन कार्यक्रम में लाने और साढ़े तीन साल के बच्चे को अपनी गोद में लेकर भाषण देने के बाद यह सवाल उठ रहे हैं. जहां आलोचक इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह 'उचित' है या नहीं, वहीं अय्यर के समर्थन में खड़े उनके पति सहित उनके अन्य लोगों ने इसे महिलाओं द्वारा निभाई जाने वाली कई भूमिकाओं और अपने बच्चे के साथ समय बिताने के उनके अधिकार से जोड़ा है.
अदूर के छठे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के आयोजकों में से एक, राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष, चिट्टयम गोपकुमार ने अपने फेसबुक पेज पर 30 अक्टूबर को तीन दिवसीय कार्यक्रम के समापन समारोह में बेटे के साथ कलेक्टर का वीडियो शेयर किया जिसके बाद इस घटना में विवाद को जन्म दे दिया. हालांकि उन्होंने बाद में अपने फेसबुक हेंडल से वीडियो को डिलीट कर दिया. इस वीडियो में अय्यर को अपने बच्चे के साथ मंच पर बैठे, उसे गले लगाते और बाद में भाषण देने के लिए खड़े होकर प्यार से उससे बात करते देखा जा सकता है.
बड़ी संख्या में लोग दिव्या एस अय्यर आलोचना कर रहे हैं. इनका कहना है कि यह कृत्य एक उच्च पदस्थ अधिकारी के लिए अनुचित था, लेकिन कई अन्य लोगों ने कलेक्टर के समर्थन में आवाज उठाई और न्यूजीलैंड की पीएम जैसिंडा अर्डर्न (Jacinda Ardern)का उदाहरण दिया. जैसिंडा ने 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी तीन माह की बेटी को लाकर इतिहास रच दिया था. जब जैसिंडा ने संयुक्त राष्ट्र में एक शांति शिखर सम्मेलन में अपना भाषण दिया,तो उनके साथी क्लार्क गेफोर्ड ने बच्ची को अपनी गोद में ले रखा था. दुनियाभर में इस घटना ने खासी चर्चा बटोरी थी.
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