सु्प्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में आठवीं कक्षा के छात्रों को संस्कृत तीसरी भाषा के रूप में न पढ़ाया जाए, बल्कि इसे अतिरिक्त भाषा के रूप में पढ़ाया जाए और जर्मन को तीसरी भाषा बरकरार रहने दिया जाए।
न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, अतिरिक्त भाषा के रूप में संस्कृत की परीक्षा लें और जर्मन को तीसरी भाषा के रूप में बरकरार रहने दें।
अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह सरकार से निर्देश मिलने के बाद न्यायालय को जवाब देंगे। न्यायालय ने 22 अभिभावकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह कहा।
अभिभावकों ने अकादमिक सत्र के बीच में ही जर्मन के स्थान पर संस्कृत को तीसरी भाषा बनाए जाने के सरकार के निर्णय को चुनौती दी थी।
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