राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस आज एक विशाल रैली (Congress Rally) आयोजित करने जा रही है, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) सहित सभी पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री पहुंचेंगे. रैली में महंगाई और सब्जियों और ईंधन सहित आवश्यक वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों पर केंद्र को घेरा जाएगा. रैली जयपुर (Jaipur) में होनी है और समझा जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) इसमें शामिल नहीं होंगी.
पार्टी के लिए यह रैली काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस रैली से अगले साल कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के अभियान की टोन सेट करने की उम्मीद की जा रही है. इनमें राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात के साथ ही पंजाब भी शामिल हैं, जहां पर सत्ता को बनाए रखने के लिए पार्टी जूझ रही है.
'महंगाई हटाओ' नाम की इस रैली में कांग्रेस के शीर्ष नेता बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कड़ी चुनौती का सामना कर रही पार्टी के लिए ताकत दिखाने के लिए मंच साझा करेंगे.
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राजस्थान कांग्रेस के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि महंगाई हटाओ रैली केंद्र में भाजपा सरकार के पतन की शुरुआत होगी. बढ़ती महंगाई को लेकर कई विपक्षी पार्टियों ने कड़ी आलोचना की है.
पायलट ने एक बयान में कहा, "यह 2024 में केंद्र में भाजपा सरकार के पतन का कारक बन जाएगा". उन्होंने कहा कि उन्हें सात साल के कुशासन की व्याख्या और मुद्रास्फीति की जांच करनी होगी. यह स्पष्ट नहीं है कि पायलट जयपुर रैली के दौरान मंच पर रहेंगे या नहीं.
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युवा नेता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं, भले ही उनका झगड़ा पिछले महीने कैबिनेट फेरबदल के बाद कुछ हद तक हल हो गया हो. कैबिनेट फेरबदल में पायलट के खेमे के पांच विधायक, जिनमें से दो को बर्खास्त कर दिया गया था, राज्य सरकार में शामिल हो गए.
मेगा रैली को कांग्रेस की ‘री-ब्रांडिंग‘ के रूप में भी देखा जा रहा है, जिसमें गांधी भाई-बहन शीर्ष पर हैं और पार्टी को महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों के लिए लड़ते हुए देखा जा रहा है.
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कांग्रेस ने पिछले कुछ वर्षों में एक खराब चुनावी प्रदर्शन से दूसरे खराब प्रदर्शन तक खुद को सीमित कर दिया, जिससे गांधी परिवार के नेतृत्व पर सवाल उठाने के लिए वरिष्ठ नेताओं (जी 23) का समूह नेतृत्व कर रहा है.
पार्टी को उम्मीद है कि एक सफल हाई-प्रोफाइल सार्वजनिक कार्यक्रम पार्टी में विभाजन को शांत करने में मदद करेगा. खासकर पंजाब में नेतृत्व का संकट पैदा हो रहा है, जहां नवजोत सिंह सिद्धू को मिले पार्टी के समर्थन के बाद अनुभवी नेता अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री का पद छोड़ दिया और पार्टी से इस्तीफा दे दिया. सिंह ने अपनी पार्टी की घोषणा की है और भाजपा के साथ सीटों के बंटवारे की बात कही है.
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