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This Article is From Apr 16, 2023

सियासी मकसद से कानून के राज से खिलवाड़ करना लोकतंत्र के लिए सही नहीं : प्रियंका गांधी

अतीक (60) और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात अज्ञात हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब पुलिस दोनों को चिकित्सा जांच के लिए मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी. इस मसले पर कांग्रेस नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया आई हैं.

कांग्रेस नेता प्रियंका गाधी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में गोली मारकर हत्या किए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रविवार को कहा कि देश के कानून के तहत अपराधियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए और सियासी मकसद से कानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. अतीक (60) और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात अज्ञात हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब पुलिस दोनों को चिकित्सा जांच के लिए मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी.

पत्रकारों की भेष में आए तीन हमलावरों ने अतीक और उसके भाई को उस समय बहुत करीब से गोली मार दी, जब वे मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रह थे, जबकि उनके आसपास पुलिस कर्मियों का पहरा था. इस दोहरे हत्याकांड का एक वीडियो सार्वजनिक हुआ है, जिसमें तीन हमलावर दोनों भाइयों को गोली मारते नजर आ रहे हैं और गोली लगते ही दोनों जमीन पर गिर जाते हैं. प्रियंका ने किसी का नाम लिए बगैर ट्वीट किया कि देश का कानून संविधान में लिखा गया है और यह कानून सर्वोपरि है.

उन्होंने कहा, “अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन ऐसा देश के कानून के तहत किया जाना चाहिए. किसी भी सियासी मकसद से कानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना या उसका उल्लंघन करना हमारे लोकतंत्र के लिए सही नहीं है.” कांग्रेस नेता ने कहा, “जो भी ऐसा करता है, या ऐसे करने वालों को सरंक्षण देता है, उसे भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उस पर भी सख्ती से कानून लागू होना चाहिए.” उन्होंने कहा, “देश में न्याय व्यवस्था और कानून के राज का इकबाल बुलंद हो, यही हम सबकी कोशिश होनी चाहिए.”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि देश का संविधान उन लोगों ने बनाया है, जो आज़ादी के लिए लड़े थे. हमारा इसी संविधान और क़ानून को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है. इससे खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती है. अपराधी की सजा का फ़ैसले का अधिकार न्यायपालिका का है. ये अधिकार किसी सरकार को, किसी नेता को या क़ानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को नहीं दिया जा सकता है. गोली-तंत्र और भीड़ तंत्र की वकालत करने वाले केवल संविधान को ध्वस्त करते हैं. समाज में किसी को डराने व धमकाने के लिए जो भी हमारी न्याय प्रणाली में राजनैतिक उद्देश्य से दखलअंदाज़ी करता है,अपराधी के साथ वो भी दंड का भागीदार है. किसी भी मुजरिम को सख़्त से सख़्त सजा मिले,इसके लिए अदालतें हैं. क़ानून व्यवस्था से खिलवाड़ करना केवल अराजकता को जन्म देता है.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि देश का कानून संविधान में लिखा गया है और यह कानून सर्वोपरि है. उन्होंने कहा, “अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन ऐसा देश के कानून के तहत किया जाना चाहिए. किसी भी सियासी मकसद से कानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना या उसका उल्लंघन करना हमारे लोकतंत्र के लिए खतरनाक है.”

कांग्रेस नेता ने कहा, “जो भी ऐसा करता है, या ऐसे करने वालों को सरंक्षण देता है, उसे भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उस पर भी सख्ती से कानून लागू होना चाहिए.” रमेश ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयास किया जाना चाहिए कि न्यायिक प्रणाली और कानून के शासन का हर समय अक्षरशः सम्मान हो. अहमद और उसके भाई अशरफ को 2005 के उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में सुनवाई के लिए प्रयागराज लाया गया था. झांसी में 13 अप्रैल को अहमद का बेटा असद और उसका एक साथी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे. असद का शव शनिवार सुबह प्रयागराज में कसारी मसारी कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दफनाया गया था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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