कांग्रेस नेता और प्रवक्ता अजय कुमार ने एक विवाद की शुरुआत करते हुए कहा कि एनडीए (NDA) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू "भारत की एक बहुत ही बुरी फिलोसफी" का प्रतिनिधित्व करती हैं. उन्होंने कहा कि उनकी उम्मीदवारी को "आदिवासियों (Adivasi) का प्रतीक" नहीं बनाया जाना चाहिए. डॉ. अजय कुमार की टिप्पणी पर बीजेपी की तरफ से काफी तीखी प्रतिक्रिया हुई है. एएनआई समाचार एजेंसी से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि अनुसूचित जातियों की स्थिति "बदतर" हो गई है.
मुर्मू के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को मैदान में उतारा है. गौरतलब है कि अगले 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होगा.
"यह सिर्फ द्रौपदी मुर्मू के बारे में नहीं है. यशवंत सिन्हा भी एक अच्छे उम्मीदवार हैं और मुर्मू भी एक सम्माननीय व्यक्ति हैं. लेकिन वह भारत की एक बहुत ही बुरी फिलोसोफी का प्रतिनिधित्व करती हैं. हमें उन्हें 'आदिवासी' का प्रतीक नहीं बनाना चाहिए. हमारे पास राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद हैं. फिर हाथरस जैसा कांड हुआ. क्या उन्होंने एक शब्द भी कहा? अनुसूचित जातियों की स्थिति और खराब हो गई है," अजय कुमार ने कहा.
#WATCH | Yashwant Sinha is good candidate, Droupadi Murmu is a decent person but she represents evil philosophy of India. We shouldn't make her symbol of tribals...Ram Nath Kovind is President but atrocities happening on SCs. Modi govt's fooling people: Congress leader Ajoy Kumar pic.twitter.com/E2vFyTT0aP
— ANI (@ANI) July 13, 2022
राष्ट्रपति चुनाव को "राष्ट्र की आत्मा के लिए लड़ाई" बताते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा कि सभी समान विचारधारा वाले दलों को विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को वोट देना चाहिए.
उन्होंने कहा, "प्रतीक बनाकर भारत के लोगों को बेवकूफ बनाना ही मोदी सरकार है. यह देश की आत्मा की लड़ाई है और सभी समान विचारधारा वाले दलों को यशवंत सिन्हा को वोट देना चाहिए."
निर्वाचित होने पर द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति और देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी. वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल थीं (2015 से 2021 तक). ओडिशा के पिछड़े जिले मयूरभंज के एक गरीब आदिवासी परिवार में जन्मी द्रौपदी मुर्मू ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद अपनी पढ़ाई पूरी की.
द्रौपदी मुर्मू 2013 से 2015 तक भाजपा के एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य थीं और 2010 और 2013 में मयूरभंज (पश्चिम) (Mayurbhanj) के भाजपा जिला प्रमुख के रूप में कार्य किया. 2006 और 2009 के बीच, वह ओडिशा में भाजपा के एसटी मोर्चा की प्रमुख थीं. वह 2002 से 2009 तक भाजपा एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रहीं.
डॉ. अजय कुमार पर पलटवार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस ने मुर्मू का अपमान किया है.
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