पार्टी के तौर पर कांग्रेस शायद इस वक़्त अपने सबसे बुरे दौर से गुज़र रही है. लोकसभा में हार के बाद अध्यक्ष पद का संकट और अब तीन राज्यों में कांग्रेस बिखरती हुई नज़र आ रही है. कर्नाटक में कांग्रेस-और जेडीएस की सरकार 18 विधायकों के इस्तीफ़े के बाद भारी संकट में है. जाहिर है इसमें से अधिकतर विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. गोवा में कांग्रेस के 15 विधायकों में से 10 पार्टी से अलग हो कर बीजेपी के खेमे में आ चुके हैं. हांलाकि वहां सरकार बीजेपी की है. तीसरा संकट तेलंगना का है, जहां पहले कांग्रेस के 18 में से 12 एमएलए जून में पार्टी छोड़ चुके हैं.
बता दें, कर्नाटक में पहले से ही कुआं और खाई के बीच झूल रही जद(एस) कांग्रेस सरकार को और दो विधायकों के इस्तीफे से बुधवार को बड़ा झटका लगा है. वहीं दूसरी ओर मुंबई में हाई-वोल्टेज ड्रामा जारी है जहां मंत्री डी. के. शिवकुमार को बागी विधायकों को मनाने के प्रयास में होटल पहुंचने पर हिरासत में लिया गया है. साथ ही इस नाटक का एक हिस्सा राजधानी दिल्ली में उच्चतम न्यायालय में भी चल रहा है.
एच. डी. कुमारस्वामी सरकार में आवास मंत्री एम. टी. बी. नागराज और के. सुधाकर ने बुधवार को अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार को सौंपा. दोनों कांग्रेस के विधायक हैं. राज्य में गहराते राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस और जद(एस) के 10 बागी विधायक शीर्ष अदालत पहुंच गए हैं और याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि विधानसभा अध्यक्ष जानबूझकर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रहे हैं और कुमारस्वामी सरकार को संभलने का वक्त दे रहे हैं.ॉ
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बुधवार को हुए और दो इस्तीफों के साथ ही कर्नाटक में अभी तक कांग्रेस के 13 और जद(एस) के तीन विधायक इस्तीफा दे चुके हैं जबकि दो निर्दलीय विधायक एच. नागेश और आर. शंकर ने समर्थन वापस ले लिया है. गठबंधन सरकार के पास अध्यक्ष के अलावा फिलहाल 116 विधायक हैं. इनमें कांग्रेस के 78, जनता दल (एस) के 37 और बसपा का एक विधायक है. मंत्रिमंडल से सोमवार को दो निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे के साथ ही 224 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास कुल 107 विधायक हो चुके हैं. अगर सभी 16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो गठबंधन के पास सदस्यों की संख्या घटकर 100 रह जाएगी.
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कर्नाटक के राजनीतिक संकट की आवाज बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी राज्यसभा में सुनाई दी, जहां कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा किया. वहीं बेंगलुरु में भाजपा की कर्नाटक इकाई ने मुख्यमंत्री कुमारस्वामी पर इस्तीफे के लिए दबाव बनाने की खातिर विधान सौंध के समक्ष प्रदर्शन किया. लेकिन इस पूरे मामले में हाई-वोल्टेज ड्रामा मुंबई में हुआ. कांग्रेस की ओर से इस पूरे मसले को सुलझाने और बागी विधायकों को मनाने के लिए मुंबई में पोवई स्थित रेनेसां होटल पहुंचे शिवकुमार, मिलिंद देवड़ा और नसीम खान को पुलिस ने हिरासत में लिया और उन्हें बीकेसी पुलिस अतिथि घर ले गई. तीनों को घंटों हिरासत में रखा गया.
देवड़ा ने बताया कि शिवकुमार को छोड़ने के बाद उन्हें सीधा बेंगलुरु रवाना कर दिया गया. खान को भी छोड़ दिया गया है. देवड़ा ने ट्वीट किया था, ‘‘पुलिस शिवकुमार को (मुंबई) हवाई अड्डा लेकर जा रही है. उन्हें जबरन बेंगलुरु वापस भेजा जा रहा है.' गौरतलब है कि महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेन गठबंधन की सरकार है. कांग्रेस एनएलसी भाई जगताप ने भी कहा कि शिवकुमार को मुंबई पुलिस हवाई अड्डे ले गयी है.
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कर्नाटक सरकार में मंत्री शिवकुमार सुबह से ही मुंबई के होटल के बाहर डेरा डाले हुए थे. वह किसी भी सूरत में बागी विधायकों से मिलना चाहते थे. ऐसी सूचना मिली है कि अधिकारियों ने शिवकुमार को बताया कि बागी विधायकों ने मुंबई पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा है कि उन्हें मंत्री के आने पर जान का खतरा है. अधिकारी ने बताया कि मुंबई पुलिस ने रेनेसां होटल के पास निषेधाज्ञा लगा दी है. कर्नाटक के बागी विधायक यहीं ठहरे हुए हैं.
(इनपुट- भाषा से भी)
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