कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर चुनावी राज्य राजस्थान में नफरत फैलाने वाला भाषण देने का आरोप लगाया और निर्वाचन आयोग से उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने मतदाताओं से इस अंदाज में ‘‘कमल'' का बटन दबाने की अपील की जैसे वे कांग्रेस को ‘‘मौत की सजा'' दे रहे हों.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बुधवार को बाड़मेर में दिए गए प्रधानमंत्री के भाषण का हवाला दिया और कहा कि राज्य के लोग निश्चित रूप से प्रधानमंत्री के इस ‘अहंकार' का जवाब देंगे. रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है.''
रमेश ने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी की कांग्रेस नेताओं के प्रति नफरत का अंदाजा उनके बयान से आसानी से लगाया जा सकता है. प्रधानमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर बैठा व्यक्ति मतदान के जरिए लोगों से फांसी देने की बात कैसे कर सकता है? प्रधानमंत्री लोकतंत्र का गला घोंट रहे हैं.''
कांग्रेस नेता ने मांग की, ‘‘यह नफरत फैलाने वाले भाषण का स्पष्ट उदाहरण है. अगर निर्वाचन आयोग निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव को लेकर गंभीर है तो उन्हें इसका तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.'' उन्होंने अपने पोस्ट में यह भी कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के इस अहंकार का जवाब जनता चुनाव में जरूर देगी.''
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को भ्रष्टाचार और ‘‘तुष्टीकरण नीति'' को लेकर राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस पर हमला किया और दावा किया कि जहां भी पार्टी सत्ता में है, वहां आतंकवादियों और दंगाइयों का मनोबल बढ़ जाता है, साथ ही उन्होंने मतदाताओं से राज्य में होने वाले आगामी चुनाव में कांग्रेस को दंडित करने का आग्रह किया.
मोदी ने राजस्थान के बाड़मेर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आपको उन्हें दंडित करने का अवसर मिला है. कमल के निशान वाला बटन दबाएं ताकि उनकी सजा सुनिश्चित हो सके. कमल के निशान पर ऐसे बटन दबाएं मानो उन्हें आप फांसी दे रहे हों.'' कमल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का चुनाव चिन्ह है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल में राज्य में लोग कोई भी त्योहार शांति से नहीं मना पाए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कभी दंगे होते हैं, कभी पथराव होता है और कर्फ्यू होता है. पिछले पांच साल में कांग्रेस की यही तस्वीर रही है. इसलिए कांग्रेस को यहां से हटाना जरूरी है.'' कांग्रेस राजस्थान में फिर से अपनी सरकार बनाने की कोशिश कर रही है, जबकि भाजपा इसे राज्य से हटाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही है. राजस्थान में विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को होंगे और मतगणना तीन दिसंबर को होगी.