आरपीएन सिंह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राजग सरकार के सत्ता में आने के दो महीने बाद यहां सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक से पिछले साल 6,000 करोड़ रुपये से अधिक काला धन देश से बाहर भेजा गया।
पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इन दावों को खारिज कर दिया कि उनके शासन काल में कोई घोटाला नहीं हुआ है।
मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए पार्टी प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने बताया कि यह रकम बैंक ऑफ बड़ौदा की अशोक विहार शाखा के 59 खातों से हांगकांग भेजी गई।
हालांकि, फिलहाल बैंक ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
उन्होंने कहा कि यह हैरत की बात है कि यह रकम हांगकांग से काजू, दाल और चावल खरीदने के लिए भेजी गई।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘नकद 6,172 करोड़ रुपये बैंक में 59 खातों में अग्रिम राशि के तौर पर जमा की गई थी। यह रकम हांगकांग में कुछ चयनित कंपनियों को भेजी गई। यह सत्यापित करने के लिए कोई कोशिश नहीं की गई कि वस्तुएं प्राप्त हुई या नहीं।’’
कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि तीन कंपनियों का उनके बताए पते पर कुछ अता पता नहीं चल पाया है।
उन्होंने दावा किया कि बैंक द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार पिछले दो महीनों से घोटाले से अवगत थी। उन्होंने आश्चर्य जताया कि इस मामले में अब तक कोई प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गई।
उन्होंने कहा कि ऐसा घोटाला बैंकिंग नेटवर्क और वित्त मंत्रालय में शीर्ष अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर नहीं हुआ होगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि कोई भी इस पर आश्चर्य कर सकता है कि एक सरकारी बैंक ने किसी बैंक में किसी के द्वारा जमा, हस्तांतरण और निकासी के बारे में मूलभूत चीजों का पालन क्यों नहीं किया।
पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इन दावों को खारिज कर दिया कि उनके शासन काल में कोई घोटाला नहीं हुआ है।
मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए पार्टी प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने बताया कि यह रकम बैंक ऑफ बड़ौदा की अशोक विहार शाखा के 59 खातों से हांगकांग भेजी गई।
हालांकि, फिलहाल बैंक ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
उन्होंने कहा कि यह हैरत की बात है कि यह रकम हांगकांग से काजू, दाल और चावल खरीदने के लिए भेजी गई।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘नकद 6,172 करोड़ रुपये बैंक में 59 खातों में अग्रिम राशि के तौर पर जमा की गई थी। यह रकम हांगकांग में कुछ चयनित कंपनियों को भेजी गई। यह सत्यापित करने के लिए कोई कोशिश नहीं की गई कि वस्तुएं प्राप्त हुई या नहीं।’’
कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि तीन कंपनियों का उनके बताए पते पर कुछ अता पता नहीं चल पाया है।
उन्होंने दावा किया कि बैंक द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार पिछले दो महीनों से घोटाले से अवगत थी। उन्होंने आश्चर्य जताया कि इस मामले में अब तक कोई प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गई।
उन्होंने कहा कि ऐसा घोटाला बैंकिंग नेटवर्क और वित्त मंत्रालय में शीर्ष अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर नहीं हुआ होगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि कोई भी इस पर आश्चर्य कर सकता है कि एक सरकारी बैंक ने किसी बैंक में किसी के द्वारा जमा, हस्तांतरण और निकासी के बारे में मूलभूत चीजों का पालन क्यों नहीं किया।
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