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This Article is From Sep 23, 2022

संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और कोविड से महिलाओं, बच्चों के स्वास्थ्य को खतरा: PMNCH 

संयुक्त राष्ट्र के पीएमएनसीएच संगठन ने कहा कि दुनियाभर में महिलाओं, बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य को संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 से खतरा है. इसने रेखांकित किया कि सरकार के उच्चतम स्तर पर नागरिकों की बात को सुना जाना आवश्यक है.

संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और कोविड से महिलाओं, बच्चों के स्वास्थ्य को खतरा: PMNCH 
2021 में कम से कम एक करोड़ 80 लाख बच्चों को डीटीपी की एक भी खुराक नहीं मिली. 
नई दिल्ली:

संयुक्त राष्ट्र के पीएमएनसीएच संगठन ने कहा कि दुनियाभर में महिलाओं, बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य को संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 से खतरा है. इसने रेखांकित किया कि सरकार के उच्चतम स्तर पर नागरिकों की बात को सुना जाना आवश्यक है. महिलाओं, बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य एवं कल्याण से जुड़े संगठन ‘पार्टनरशिप फॉर मैटर्नल, न्यूबॉर्न एंड चाइल्ड हेल्थ (PMNCH) एकाउंटेबिलिटी ब्रेकफास्ट' ने एक बयान में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ के आंकड़ों से पता चलता है कि अकेले 2021 में, दो करोड़ 50 लाख बच्चों को डिप्थीरिया, टेटनस और पर्टुसिस (डीटीपी) के खिलाफ बुनियादी टीका नहीं मिला.

बयान में कहा गया कि 2021 में कम से कम एक करोड़ 80 लाख बच्चों को डीटीपी की एक भी खुराक नहीं मिली. इसमें कहा गया कि इनमें से अधिकतर बच्चे निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं, जिनमें भारत, नाइजीरिया, इंडोनेशिया, इथियोपिया और फिलीपीन में इनकी सबसे अधिक संख्या है. इसके अनुसार, 2022 में 27.4 करोड़ लोगों को मानवीय सहायता और सुरक्षा की आवश्यकता होगी. यह संख्या एक साल पहले के 23.5 करोड़ लोगों के आंकड़े की तुलना में काफी अधिक है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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