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This Article is From Aug 30, 2023

मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसरों की कमी, ट्रेनिंग न मिलने से चिंतित रेसिडेंट डॉक्टर कर रहे विरोध प्रदर्शन

महाराष्ट्र के मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों के करीब 2500 पद खाली, मुंबई के मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की 27% कमी

मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसरों की कमी, ट्रेनिंग न मिलने से चिंतित रेसिडेंट डॉक्टर कर रहे विरोध प्रदर्शन
प्रतीकात्मक तस्वीर.
मुंबई:

मुंबई में करीब 430 और पूरे महराष्ट्र के मेडिकल कॉलेजों में करीब ढाई हजार डॉक्टरों की कमी है. मुंबई में ट्रेनी डॉक्टर, यानी रेसिडेंट डॉक्टर इसका विरोध कर रहे हैं. उनमें डॉक्टरों की कमी के कारण अपनी ट्रेनिंग असफल होने का बड़ा डर है. लिहाज़ा वे विरोध कर रहे हैं, राज्यपाल से मिल रहे हैं.

ट्रेनी डॉक्टर अस्पतालों में सबसे पहले मरीजों का हाल परखते हैं, लेकिन इनकी ट्रेनिंग में बड़ी बाधा आई है. आर्थिक राजधानी के मेडिकल कॉलेज करीब 439 डॉक्टरों की कमी का सामना कर रहे हैं, यानी डॉक्टरों के 27% पद खाली पड़े हैं.  

ट्रेनी डॉक्टर सार्बिक डे, ऑपथैल्मोलॉजी, यानी नेत्र विज्ञान चिकित्सा विभाग के सेकंड इयर के छात्र हैं. वे कहते हैं कि मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसरों की इतनी कमी है कि इन्हें डर है कि क्या इनकी ट्रेनिंग सफल हो पाएगी या नहीं? 

जेजे हॉस्पिटल के रेसिडेंट डॉक्टर सार्बिक डे ने कहा कि,''मैं ऑई सर्जन की पढ़ाई कर रहा हूं, मेरी ट्रेनिंग जैसी होनी चाहिए वो फैकल्टी की कमी के कारण नहीं हो पा रही है, हमारा समय निकल रहा है. हम क्या करें.''

ट्रेनी डॉक्टरों का भविष्य अधर में 

रेसिडेंट डॉक्टर अभिजीत हेलगे, डर्मेटोलॉजी, यानी त्वचा विज्ञान विभाग में हैं और महाराष्ट्र स्टेट एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स के प्रेसिडेंट हैं. वे कहते हैं कि, पूरे महाराष्ट्र में करीब 2500 डॉक्टरों की कमी ट्रेनी डॉक्टरों का भविष्य अधर में दिखा रही है. 

डॉ अभिजीत हेलगे ने कहा,''पूरे महाराष्ट्र में करीब 2.5 हजार डॉक्टरों की कमी है. हम प्रोटेस्ट कर चुके हैं, राज्यपाल से मिल चुके हैं. भर्ती होनी जरूरी है, भले ही कान्ट्रैक्चुअल बेसिस पर करें, लेकिन बढ़ाएं. हम ट्रेंड नहीं हुए तो हम एफिशिएंट डॉक्टर कैसे बनेंगे, हमारे करियर के साथ-साथ मरीज़ों की सेहत के साथ भी गलत हो रहा है.''

लंबे समय से असिस्टेंट प्रोफेसरों के रिक्त पद नहीं भरे गए

मेडिकल कॉलेजों में लंबे समय से असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद पर भर्ती नहीं हुई है. इससे चिकित्सा शिक्षा और रोगी देखभाल दोनों में व्यवधान पैदा हो रहा है. लगभग 190 महत्वपूर्ण पद खाली हैं.

हॉस्टल की बिगड़ी हालत भी रेसिडेंट डॉक्टरों को विरोध करने पर मजबूर कर रही है. डॉ अभिजीत हेलगे ने कहा,‘'900 ट्रेनी डॉक्टरों पर सिर्फ़ 400 कमरे, बुरी हालत में हम रहते हैं. शिकायत के बाद रेनोवेट कर रहे हैं, पर हमें साइज़ बढ़ानी है हॉस्टल की, ताकि लोग एकमोडेट हो पाएं.''

रेसिडेंट डॉक्टरों ने राज्यपाल रमेश बैस से की मुलाकात

महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेसिडेंट डॉक्टर्स ने राज्यपाल रमेश बैस से भी मुलाकात की और हॉस्टल की स्थिति, रिक्त पदों, लंबित बकाया और मरीजों द्वारा डॉक्टरों पर हमलों जैसी समस्याओं पर चर्चा की. एसोसिएशन 6,000 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करता है.  फ़िलहाल साइलेंट प्रोटेस्ट कर रहे हैं. आगे बड़ा करने का विचार है.

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