पूर्व सैनिक रामकिशन
नई दिल्ली:
मंगलवार को ओआरओपी की मांग को लेकर एक पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल ने कथित तौर पर कोई जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली. उनकी आत्महत्या के बाद राजनीति तेज हो गई है.
पुलिस सूत्रों के हवाले से जो ख़बर आ रही है उसके मुताबिक 31 अक्टूबर को ग्रेवाल ने दो दोस्तों से पेंशन पर बातचीत की. भिवानी के नेहरू पार्क में दोस्तों से बात हुई. किसी NGO वाले ने दिल्ली चलने का सुझाव दिया.
पुलिस सूत्र बता रहे हैं -
31 अक्टूबर को राम किशन अपने दो साथियों के साथ भिवानी के नेहरू पार्क में मिले. पेंशन की बात हुई.
फिर एक NGO वाले राजकुमार ने कहा इसके लिए दिल्ली चलो. वहां सुमित्रा महाजन से मिलते हैं वे मदद करेंगी.
इसके बाद 31 अक्टूबर की रात राम किशन, राजकुमार, पृथी सिंह और जगदीश राय ट्रेन से दिल्ली के लिए निकले. कुल 4 लोग साथ में थे.
सबसे पहले रामकिशन जंतर मंतर गया था. उसके बाद तीन मूर्ति होते हुए सुमित्रा महाजन की कोठी के सामने से गुजरे.
चुंकि कोठी के दोनों गेट बंद थे तो सभी लोग वहां से जनपथ होते हुए राजपथ के पास जवाहर भवन के पास एक पार्क में जाकर बैठ गए. उसके बाद जगदीश राय खाना लेने चला गया. राजकुमार मोबाइल में कुछ काम करने लगा. पृथी सिंह लेट गया. और राम किशन किसी से फोन पर बात कर रहा था और बोल रहा था कुछ और एक्स सैनिकों को फोन करना है बुलाने के लिए.
उसके बाद अचानक राजकुमार को कुछ बदबू आई. तब उसने देखा की राम किशन ने कुछ खाया. कुछ गोलियां उसने गिरा भी दीं. उसके बाद 1 बजकर 35 मिनट पर 100 नंबर पर कॉल की गई.
अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट की शुरुआती जांच में आया है कि किसी पॉयजन खाने की वजह से मौत हुई है. बाकी पूरी पीएम रिपोर्ट आने के बाद साफ़ हो पाएगा.
राम किशन के पास रिकॉर्डिंग का फोन नहीं था. उसके बेटे जसवंत के पास रिकॉर्डिंग का फोन था जिसमें राम किशन और जसवन्त की बात रिकॉर्ड हुई. अभी पुलिस राम किशन के फोन की सीडीआर निकलवा रही है.
अभी पुलिस ये पता लगा रही है कि वो पॉयजन क्या था. राम किशन के पास कैसे आया. क्या दिल्ली में खरीदा, या भिवानी से लेकर आया था.
पुलिस सूत्रों के हवाले से जो ख़बर आ रही है उसके मुताबिक 31 अक्टूबर को ग्रेवाल ने दो दोस्तों से पेंशन पर बातचीत की. भिवानी के नेहरू पार्क में दोस्तों से बात हुई. किसी NGO वाले ने दिल्ली चलने का सुझाव दिया.
पुलिस सूत्र बता रहे हैं -
31 अक्टूबर को राम किशन अपने दो साथियों के साथ भिवानी के नेहरू पार्क में मिले. पेंशन की बात हुई.
फिर एक NGO वाले राजकुमार ने कहा इसके लिए दिल्ली चलो. वहां सुमित्रा महाजन से मिलते हैं वे मदद करेंगी.
इसके बाद 31 अक्टूबर की रात राम किशन, राजकुमार, पृथी सिंह और जगदीश राय ट्रेन से दिल्ली के लिए निकले. कुल 4 लोग साथ में थे.
सबसे पहले रामकिशन जंतर मंतर गया था. उसके बाद तीन मूर्ति होते हुए सुमित्रा महाजन की कोठी के सामने से गुजरे.
चुंकि कोठी के दोनों गेट बंद थे तो सभी लोग वहां से जनपथ होते हुए राजपथ के पास जवाहर भवन के पास एक पार्क में जाकर बैठ गए. उसके बाद जगदीश राय खाना लेने चला गया. राजकुमार मोबाइल में कुछ काम करने लगा. पृथी सिंह लेट गया. और राम किशन किसी से फोन पर बात कर रहा था और बोल रहा था कुछ और एक्स सैनिकों को फोन करना है बुलाने के लिए.
उसके बाद अचानक राजकुमार को कुछ बदबू आई. तब उसने देखा की राम किशन ने कुछ खाया. कुछ गोलियां उसने गिरा भी दीं. उसके बाद 1 बजकर 35 मिनट पर 100 नंबर पर कॉल की गई.
अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट की शुरुआती जांच में आया है कि किसी पॉयजन खाने की वजह से मौत हुई है. बाकी पूरी पीएम रिपोर्ट आने के बाद साफ़ हो पाएगा.
राम किशन के पास रिकॉर्डिंग का फोन नहीं था. उसके बेटे जसवंत के पास रिकॉर्डिंग का फोन था जिसमें राम किशन और जसवन्त की बात रिकॉर्ड हुई. अभी पुलिस राम किशन के फोन की सीडीआर निकलवा रही है.
अभी पुलिस ये पता लगा रही है कि वो पॉयजन क्या था. राम किशन के पास कैसे आया. क्या दिल्ली में खरीदा, या भिवानी से लेकर आया था.
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