पर्यावरण से जुड़े कानूनों की समीक्षा के लिए सरकार ने चार सदस्यों की कमेटी बनाने का ऐलान किया है। इस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी टीएसआर सुब्रह्मण्यम होंगे। ये कमेटी पर्यावरण संरक्षण कानून-1986, वन्य जीव कानून-1972 और वन संरक्षण कानून-1980 के साथ-साथ जल और वायु प्रदूषण से जुड़े कानूनों की भी समीक्षा करेगी। कमेटी को अपनी रिपोर्ट दो महीने में देनी है।
केंद्र सरकार पहले ही पिछले 100 दिनों में पर्यावरण से जुड़े कई नियमों में बदलाव कर चुकी है। माना जा रहा है कि इस कमेटी के बनने से वन और पर्यावरण कानूनों में फेरबदल कर उद्योगों के लिए राह 'आसान' बनाने की कोशिश होगी।
सरकार लगातार कह रही है कि वह पर्यावरण मंत्रालय की छवि को बदलना चाहती है। मंगलवार को ही पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक बार फिर कहा कि जल्द ही सरकार उद्योगों को मिलने वाली हरी झंडी की रफ्तार तेज़ करने के लिए एक नई नीति लाएगी।
केंद्रीय मंत्री के इस बयान से साफ है कि इस कमेटी से सुझावों के मिलने के बाद केंद्र पर्यावरण कानूनों में बड़े बदलाव कर सकता है।
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