पश्चिम बंगाल के कोयला तस्करी मामले (West Bengal Coal smuggling Case) में अहम सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या राज्य द्वारा सीबीआई जांच की सहमति वापस लेने के बावजूद जांच जारी रह सकती है ? कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने को कहा है. अगली सुनवाई 10 मार्च को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेपकर्ता की याचिका पर भी केंद्र को नोटिस जारी किया है. इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) विचार करने को तैयार हो गया था. बता दें कि CBI जांच के लिए अपनी सहमति वापस लेने के बाद पश्चिम बंगाल में कोयला तस्करी मामले की जांच CBI कर सकती है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट में ऐसा ही मामला पहुंचा है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ चुनौती देने वाली याचिका पर CBI को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. 12 फरवरी को हाईकोर्ट ने इस मामले के एक आरोपी अनूप माजी के मामले में फैसला दिया था कि राज्य के सहमति लेने के बावजूद मामले की जांच सीबीआई कर सकती है. माजी ने इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील की है.
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इसके साथ ही ममता सरकार ने आरोपी का समर्थन करते हुए कहा है कि नवंबर 2018 में पश्चिम बंगाल ने राज्य में सीबीआई की जांच के लिए अपनी सहमति वापस ले ली, इसलिए सीबीआई कोयला घोटाले की जांच नहीं कर सकती है. इसी मामले में सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी को भी नोटिस जारी किया है.
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