उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने संवाद के माध्यम से अनावश्यक लाउडस्पीकरों को हटाने में सफलता प्राप्त की है. अब कहीं अनावश्यक लाउडस्पीकर लगाने या तेज आवाज से बजाने की शिकायत पर संबंधित उप जिलाधिकारी तथा पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने बुधवार को यहां अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की. इसमें प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ क्षेत्रीय, परिक्षेत्रीय तथा जिला पुलिस प्रमुखों के साथ-साथ विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए.
मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों रामनवमी, अक्षय तृतीया और ईद समेत कई त्योहारों को विभिन्न वर्गों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से मनाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि इससे बड़ा सकारात्मक संदेश गया है. संवाद के ही जरिए विभिन्न धार्मिक स्थलों पर अनावश्यक रूप से लगाए गए लाउडस्पीकरों को हटाने में सफलता मिली है.
उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर की आवाज सम्बन्धित परिसर के भीतर ही रहेगी, सौहार्द के साथ हमने यह करके उदाहरण प्रस्तुत किया है. यह स्थिति आगे भी बनी रहे. अगर फिर कहीं अनावश्यक लाउडस्पीकर लगाए जाने या उन्हें तेज आवाज में बजाए जाने की शिकायत मिली तो सम्बन्धित क्षेत्र के पुलिस अधिकारी, उप जिलाधिकारी एवं अन्य अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि संवाद के माध्यम से विभिन्न जिलों में जो लाउडस्पीकर लोगों ने हटाये हैं, उन्हें आवश्यकतानुसार पास के स्कूलों को उपलब्ध कराने में सहयोग करें.
आदित्यनाथ ने राज्य में जगह-जगह पर संचालित किए जा रहे अवैध वाहन स्टैंडों को अगले 48 घंटों के भीतर समाप्त करने के सख्त निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह अवैध टैक्सी स्टैंड की समस्या का स्थायी समाधान करे. वरना जवाबदेही तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि स्टैंडों के लिए जगह तय की जाए और ऐसे स्टैंड नियमानुसार संचालित किए जाएं. सड़कों पर पार्किंग नहीं होने पाए.
मुख्यमंत्री ने प्रति वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इनसे बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी. उन्होंने प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में बच्चों को यातायात नियमों का पालन सिखाने के लिए विशेष प्रयास किए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि यातायात नियमों के संबंध में विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य तथा विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण कराया जाए. अगले दो दिनों के भीतर अभिभावकों के साथ भी विद्यालयों में बैठक हो.
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