उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने पश्चिमी यूपी की पहली जनसभा को संबोधित किया. उनकी सभा में 2013 का मुजफ्फरनगर दंगा (Muzaffarnagar riots) छाया रहा. सीएम योगी के अलावा भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और गन्ना मंत्री सुरेश राना ने भी मुजफ्फरनगर दंगों और कैराना से हिन्दुओं के पलायन का मुद्दा उठाया. भाजपा नेताओं ने इन दोनों ही घटनाओं के लिए अखिलेश यादव की सरकार को जिम्मेदार ठहराया. इस दौरान सीएम योगी ने कैराना लौटे एक परिवार से उनके घर जाकर मुलाकात भी की.
जनसभा में सीएम योगी ने कहा, ''जब मुजफ्फरनगर में दो निर्दोष नौजवान मारे गए, तब लोगों को जाति नजर नहीं आ रही थी. जब वहां पर निर्दोष हिन्दुओं के घर जलाए जा रहे थे तब इन जातिवाद की राजनीति करने वाले को जाति नजर नहीं आ रही थी''.
सीएम योगी ने कहा, ''हिन्दू परिवारों और हिन्दुओं को प्रताड़ित कर यहां से पलायन करने पर मजबूर कर दिया गया था. देश के अंदर यह समाचार काफी सुर्खियों में भी था''. बता दें कि मुजफ्फरनगर दंगों में 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 50 हजार के करीब बेघर हो गए थे. इस दंगे ने पश्चिमी यूपी में हिन्दू-मुस्लिम के बीच बड़ी खाई पैदा की. अब चुनाव के वक्त फिर दंगों के जख्म कुरेदे जा रहे हैं.
गन्ना व चीनी विकास मंत्री सुरेश ने कहा, “दंगा कराया मुजफ्फरनगर में, सब जानते हैं कि दंगा किसने कराया. हजारों लोगों के खिलाफ झूठे मुकदमे कायम कराए गए. दंगा कराने वालों को उस समय सरकारी विमान में बिठा कर लखनऊ में मुख्यमंत्री के आवास पर ले जाया गया. पूरा सहारनपुर जल गया था.'' सभा में भाजपा के नेताओं ने कहा कि अगर समाजवादी पार्टी की सरकार फिर आ गयी तो गुंडागर्दी बहुत बढ़ जाएगी.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, ''लोग देश को लूटना चाहते हैं, मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करना चाहते हैं. सोचते हैं कि मेरी आ जाए तो गुंडे रोड पर घूमें और शामली के अंदर हर मोहल्ले में गोली चलाएं.''
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