नई दिल्ली:
सेना के साथ हाल ही में हुए विवाद के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि असैन्य एवं सैन्य इकाइयों के बीच में तनाव से देश के आंतरिक सुरक्षा हालात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है।
आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में मोदी ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मौजूदा केंद्र सरकार आम आदमी में हमारी रक्षा तैयारियों को लेकर विश्वास का संचार करने में विफल रही।’’ उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा को अलग-थलग करके नहीं देखा जा सकता है, क्योंकि यह बाह्य सुरक्षा हालात से जुडी हुई और घुसपैठ रोकने, उग्रवाद को रोकने में सशस्त्र बल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो देश की आंतरिक सुरक्षा से सीधे तौर पर जुडा है। मोदी ने कहा कि इसी परिप्रेक्ष्य में संसाधन की बाधाओं, अधिकारियों और जवानों में नैतिक मनोबल की कमी और असैन्य एवं सैन्य इकाइयों के बीच तनाव के फलस्वरूप हमारी रक्षा क्षमताओं में किसी तरह की खामी से निश्चित तौर पर देश की आंतरिक सुरक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अविश्वास एवं संदेह के इस माहौल को खत्म करने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए, जो हाल ही में हुए विवादों के कारण पैदा हुआ है।
सुरक्षा से जुडे महत्वपूर्ण मसलों पर राज्य सरकारों से सलाह मशविरा नहीं करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए मोदी ने कहा कि आरपीएफ कानून, बीएसएफ कानून में संशोधन कर केंद्र सरकार राज्य के भीतर राज्य का गठन कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो सहित केंद्रीय एजेंसियों का राजनीतिकरण बढ़ रहा है और उनका इस्तेमाल केंद्र में सत्ताधारी दल के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने में हो रहा है।
आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में मोदी ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मौजूदा केंद्र सरकार आम आदमी में हमारी रक्षा तैयारियों को लेकर विश्वास का संचार करने में विफल रही।’’ उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा को अलग-थलग करके नहीं देखा जा सकता है, क्योंकि यह बाह्य सुरक्षा हालात से जुडी हुई और घुसपैठ रोकने, उग्रवाद को रोकने में सशस्त्र बल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो देश की आंतरिक सुरक्षा से सीधे तौर पर जुडा है। मोदी ने कहा कि इसी परिप्रेक्ष्य में संसाधन की बाधाओं, अधिकारियों और जवानों में नैतिक मनोबल की कमी और असैन्य एवं सैन्य इकाइयों के बीच तनाव के फलस्वरूप हमारी रक्षा क्षमताओं में किसी तरह की खामी से निश्चित तौर पर देश की आंतरिक सुरक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अविश्वास एवं संदेह के इस माहौल को खत्म करने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए, जो हाल ही में हुए विवादों के कारण पैदा हुआ है।
सुरक्षा से जुडे महत्वपूर्ण मसलों पर राज्य सरकारों से सलाह मशविरा नहीं करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए मोदी ने कहा कि आरपीएफ कानून, बीएसएफ कानून में संशोधन कर केंद्र सरकार राज्य के भीतर राज्य का गठन कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो सहित केंद्रीय एजेंसियों का राजनीतिकरण बढ़ रहा है और उनका इस्तेमाल केंद्र में सत्ताधारी दल के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने में हो रहा है।
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