India-China standoff: चीन के सरकारी मीडिया ने पिछले साल गलवान में हुए संघर्ष का वीडियो जारी किया है, इस वीडियो में सैकड़ों की संख्या में भारतीय और चीन सैनिक पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में एक-दूसरे से भिडते हुए देखा जा सकता है.गौरतलब है पिछले साल जून माह में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने आ गए थे. इस संघर्ष में भारत के 20 सैनिकों को जान गंवानी पड़ी थी. झड़प में चीन को भी नुकसान उठाना पड़ा था. चीन में पहली बार आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है कि संघर्ष में उसके चार अधिकारियों और सैनिकों की जान गंवाई थी.चीन की सेना के आधिकारिक अखबार ‘पीएलए डेली' की शुक्रवार की खबर के मुताबिक सेंट्रल मिलिट्री कमिशन ऑफ चाइना (सीएमसी) ने उन सैन्य अधिकारियों और जवानों को याद किया जो काराकोरम पहाड़ियों पर तैनात थे और जून 2020 में गलवान घाटी में भारत के साथ सीमा पर संघर्ष में मारे गए थे.
लद्दाख में पैंगोंग लेक के दोनों ओर सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हुई : सूत्र
‘ग्लोबल टाइम्स' ने ‘पीएलए डेली' की खबर के हवाले से बताया कि गलवान में झड़प के दौरान मरने वालों में पीएलए की शिनजियांग सेना कमान के रेजिमेंटल कमांडर क्वी फबाओ भी शामिल थे. गलवान घाटी में झड़प के दौरान भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे.पीएलए ने यह स्वीकारोक्ति ऐसे समय की है जब पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट से दोनों देश अपने जवानों को हटा रहे हैं.
लद्दाख में पैंगोंग लेक के दोनों ओर सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हुई : सूत्र
चीन भले ही गलवान संघर्ष में मारे जाने वाले अपने सैनिकों की संख्या चार बता रहा हो, लेकिन भारत का मानना है कि इस संघर्ष में चीन के 30 से अधिक सैनिकों को जान गंवानी पड़ी थी. चीन के स्टेट मीडिया के विश्लेषक शेन शिवाई की ओर से ट्वीट किए गए इस वीडियो में आरोप लगाया गया है कि भारतीय सैनिकों ने चीनी क्षेत्र में अवैध रूप से घुसने की कोशिश की. हालांकि शेन की ओर से ट्वीट किए गए एक अन्य वीडियो में चीन के सैनिकों को भारतीय सैनिकों के साथ आक्रामक अंदाज में व्यवहार करते हुए देखा जा सकता है.
लद्दाख में पैंगोंग लेक से भारत और चीन की सेनाओं की वापसी पूरी : सूत्र
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