प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच गुरुवार को नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में लगभग डेढ़ घंटे तक चली शिखर वार्ता में भारतीय पक्ष ने चीनी घुसपैठ को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त कीं। दोनों देशों ने साथ ही अपने द्विपक्षीय संबंधों के लिहाज से महत्व रखने वाले सभी 'ठोस मुद्दों' पर भी चर्चा की।
मोदी और शी चिनफिंग ने पहले सीमित प्रारूप में बातचीत की और फिर उनके बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई, जिनमें दोनों नेताओं ने व्यापार एवं निवेश के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग पर भी चर्चा की। पीएम मोदी के साथ बातचीत से पहले चीनी राष्ट्रपति ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने गुरुवार को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री ने बुधवार रात को भी चिनफिंग के समक्ष चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाया था।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भारत दौरे में एक तरफ भारत और चीन के रिश्तों को नया रंग देने की कोशिश हो रही है, वहीं दूसरी ओर सीमा पर चीन का दूसरा चेहरा दिख रहा है। लद्दाख के चुमार में चीनी सैनिकों की ओर से एक बड़ी घुसपैठ को अंजाम दिया गया है।
बताया जा रहा है कि हथियारों से लैस करीब एक हजार चीनी सैनिक भारतीय सीमा में चार से पांच किलोमीटर भीतर तक घुस आए हैं। भारत की ओर से चीनी सैनिकों को पीछे धकेलने की कोशिशें जारी हैं और चुमार में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती कर दी गई है। इस मसले को लेकर दोनों देशों के बीच हुई फ्लैग मीटिंग भी बेनतीजा रही और अब इस इलाके में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
इधर, गुरुवार सुबह को दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को आज 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान मौजूद थे। शी तीन-दिवसीय दौरे पर बुधवार को भारत पहुंचे। इस मौके पर शी चिनफिंग ने कहा कि चीन, भारत के साथ दोस्ती बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि चीन, भारत को अपना आर्थिक सहयोग भी बढ़ाएगा। चीन के राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच पारस्परिक समझदारी और मित्रता की बात की और अपने पहले दौरे पर काफी कुछ हासिल करने की उम्मीद जताई।
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