चीन के विदेश मंत्री वांग यी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
द्विपक्षीय संबंधों में खटास के बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी अगले सप्ताह नई दिल्ली आ रहे हैं और वह 13 अगस्त को अपनी समकक्ष सुषमा स्वराज के साथ बैठक करेंगे. बैठक में एनएसजी मामले सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होगी.
महत्वपूर्ण बात यह है कि वांग का यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब कुछ ही दिन पहले चीन की सैनिक टुकड़ियों ने उत्तराखंड के चमोली जिले में भूमि और वायु दोनों सीमाओं का ‘‘उल्लंघन’’ किया था. चीन ने जून में हुई एनएसजी के 48 देशों की विस्तृत बैठक में भारत की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह सदस्यता को भी बाधित किया था. चीन ने अवरोध खड़ा करते हुए कहा था कि भारत ने अभी तक एनपीटी (परमाणु अप्रसार संधि) पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं.
यात्रा की घोषणा करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि नेताओं के बीच बहुपक्षीय बैठकों.. चीन में होने वाली जी-20 की बैठक और भारत में होने वाली ब्रिक्स बैठक सहित परस्पर हितों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी.
बीजिंग में सूत्रों ने कहा कि सुषमा के न्योते पर वांग 12-14 अगस्त तक भारत की यात्रा पर जाएंगे. यह पूछने पर कि क्या भारत उत्तराखंड में पिछले महीने हुए सीमा उल्लंघन के मामलों को उठाएगा, स्वरूप ने कहा कि परस्पर हित वाले सभी अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होगी. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि रक्षा मंत्री इसपर बयान दे चुके हैं और ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए प्रणाली है. जैसे सेनाओं के बीच वार्ता.
सूत्रों के अनुसार, भारतीय पक्ष चीन द्वारा अपनी एनएसजी सदस्यता में अवरोध खड़ा किए जाने के मुद्दे को उठा सकता है. स्वरूप ने कहा, ‘‘विदेश मंत्री वांग की भारत यात्रा दोनों देशों के बीच होने वाली सामान्य उच्चस्तरीय वार्ता का हिस्सा है.’’ चीन से नौ अगस्त को छह दिन की यात्रा पर रवाना हो रहे वांग भारत के अलावा केन्या और युगांडा भी जाएंगे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
महत्वपूर्ण बात यह है कि वांग का यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब कुछ ही दिन पहले चीन की सैनिक टुकड़ियों ने उत्तराखंड के चमोली जिले में भूमि और वायु दोनों सीमाओं का ‘‘उल्लंघन’’ किया था. चीन ने जून में हुई एनएसजी के 48 देशों की विस्तृत बैठक में भारत की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह सदस्यता को भी बाधित किया था. चीन ने अवरोध खड़ा करते हुए कहा था कि भारत ने अभी तक एनपीटी (परमाणु अप्रसार संधि) पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं.
यात्रा की घोषणा करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि नेताओं के बीच बहुपक्षीय बैठकों.. चीन में होने वाली जी-20 की बैठक और भारत में होने वाली ब्रिक्स बैठक सहित परस्पर हितों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी.
बीजिंग में सूत्रों ने कहा कि सुषमा के न्योते पर वांग 12-14 अगस्त तक भारत की यात्रा पर जाएंगे. यह पूछने पर कि क्या भारत उत्तराखंड में पिछले महीने हुए सीमा उल्लंघन के मामलों को उठाएगा, स्वरूप ने कहा कि परस्पर हित वाले सभी अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होगी. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि रक्षा मंत्री इसपर बयान दे चुके हैं और ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए प्रणाली है. जैसे सेनाओं के बीच वार्ता.
सूत्रों के अनुसार, भारतीय पक्ष चीन द्वारा अपनी एनएसजी सदस्यता में अवरोध खड़ा किए जाने के मुद्दे को उठा सकता है. स्वरूप ने कहा, ‘‘विदेश मंत्री वांग की भारत यात्रा दोनों देशों के बीच होने वाली सामान्य उच्चस्तरीय वार्ता का हिस्सा है.’’ चीन से नौ अगस्त को छह दिन की यात्रा पर रवाना हो रहे वांग भारत के अलावा केन्या और युगांडा भी जाएंगे.
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