अमेरिका के ‘सेंटर्स फॉर डीजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन' (CDC) और गाम्बिया के स्वास्थ्य प्राधिकार की संयुक्त जांच का मानना है कि गाम्बिया में हुई बच्चों की मौतों और भारत में निर्मित कथित रूप से दूषित कफ सिरप के सेवन के बीच गहरा संबंध है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने अक्टूबर, 2022 में अलर्ट जारी करके कहा था कि भारत की कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा गाम्बिया को आपूर्ति किए जा रहे चार कफ सिरप की गुणवत्ता मानदंडों के अनुरूप नहीं है और दावा किया कि ये गाम्बिया में कई बच्चों की मौतों से जुड़े हैं. CDC की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘यह जांच मजबूती से यह बात कहती है कि डाईएथाइलीन ग्लाइकोल (डीईजी) या एथाइलीन ग्लाइकोल (ईजी) से दूषित दवाओं के गाम्बिया में आयात से बच्चों में एकेआई (किडनी की बीमारी) की समस्या हुई है.''CDC के मुताबिक, पिछले अगस्त में गाम्बिया के स्वास्थ्य मंत्रालय (एमओएच) ने बीमारी (एक्यूट किडनी इंजरी के कई मामले और बच्चों में मौत) की पहचान में मदद के लिए उनसे संपर्क किया था.
गौरतलब है कि गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत का भारत में निर्मित चार कफ सिरप से जुड़ाव संबंधी रिपोर्ट के मद्देनजर जांच के लिए सरकार द्वारा गठित समिति ने पाया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा साझा की गई क्लीनिकल जानकारी रोग विज्ञान संबंधी निर्धारण के लिए अपर्याप्त है. भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) वीजी सोमानी ने WHO को इस बात की जानकारी दी. डब्ल्यूएचओ के रुतेंडो कुवाना ने 13 अक्टूबर को डीसीजीआई को पत्र लिखकर चार कफ सिरप की निर्माता कंपनी सोनीपत स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स की जांच मामले में प्रगति से अवगत कराने को कहा था.
डॉ सोमानी ने ई-मेल से भेजे जवाब में शनिवार को कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया है, जो प्रतिकूल घटना रिपोर्ट के विवरण और डब्ल्यूएचओ द्वारा साझा किए गए या साझा किए जाने वाले सभी संबंधित विवरणों की जांच और विश्लेषण करने तथा इसके अनुरूप सिफारिश करने के लिए है.
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