
- बिहार SIR को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है और अब मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार भी निशाने पर हैं.
- नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त अनिल मसीह से बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं.
- उन्होंने CEC से रिटायरमेंट के बाद लाभ का पद नहीं लेने और देश नहीं छोड़ने का एफिडेविट देने के लिए कहा.
बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है. अब मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार भी विपक्ष के निशाने पर हैं. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयुक्त को लेकर तंज कसा है. तेजस्वी ने कहा कि वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त चंडीगढ़ मेयर चुनाव में प्रिजाइडिंग अफसर रहे अनिल मसीह से बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं. इससे पहले, सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और चुनाव आयोग को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब दिया था.
तेजस्वी यादव ने एक एक्स पोस्ट में कहा, "वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त चंडीगढ़ मेयर चुनाव में प्रिजाइडिंग अफसर (RO) रहे अनिल मसीह से बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं, वो बच्चों से भी बचकाने बहाने बना रहे हैं. चुनाव आयोग की विश्वसनीयता बचाने की जिम्मेवारी अब अधिकारियों की नहीं बल्कि जनता की है." इस दौरान उन्होंने अनिल मसीह का वीडियो भी पोस्ट किया.
वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त चंडीगढ़ मेयर चुनाव में प्रिजाइडिंग अफसर (RO) रहे अनिल मसीह से बेहतर प्रदर्शन करना चाहते है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 18, 2025
चुनाव आयोग की विश्वसनीयता बचाने की जिम्मेवारी अब अधिकारियों की नहीं बल्कि जनता की है। pic.twitter.com/T4nqyauW3I
मुख्य चुनाव आयुक्त पहले खुद एफिडेविट दें: तेजस्वी यादव
उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त को लेकर कहा कि पहले वो खुद एफिडेविट दें कि वो रिटायरमेंट के बाद कोई पोस्ट नहीं लेंगे. भाजपा सरकार द्वारा दिया गया कोई लाभ का पद नहीं लेंगे और देश छोड़कर नहीं भागेंगे. साथ ही तेजस्वी ने कहा कि देश के सामने सच्चाई आ गई है कि किस प्रकार इलेक्शन कमीशन बेईमानी पर बेईमानी किए जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन के पास कोई जवाब नहीं हैं. बचकाने उदाहरण दिए जा रहे हैं, इससे बेहर एक्सक्यूज तो नर्सरी के बच्चे भी दे देते हैं.
बता दें कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि राहुल गांधी अपने दावे को लेकर सात दिन में हलफनामा दें या फिर मांगें और यदि हलफनामा नहीं दिया, तो आरोप निराधार माना जाएगा.
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