छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में परिवार नियोजन कैंप में नसबंदी के ऑपरेशन के बाद मरने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ कर 11 हो गई है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह से बात की और उनसे पूरे मामले में गहन जांच तथा कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
आसियान और पूर्व एशिया शिखर-सम्मेलन में भाग लेने के लिए आज सुबह म्यांमांर रवाना हुए और इस देश की राजधानी ने पई ताव पहुंचे मोदी ने इस मामले में सिंह से फोन पर बात की।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर बताया, 'प्रधानमंत्री ने बिलासपुर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से बात की। प्रधानमंत्री ने दुखद घटना पर चिंता प्रकट की।' पीएमओ के मुताबिक, 'प्रधानमंत्री ने डॉ रमन सिंह से पूरे मामले में विस्तृत जांच और कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है।'
इस मामले में राज्य सरकार ने चार मेडिकल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश पुलिस को दिए हैं। इनमें सर्जरी करने वाले डॉक्टर आरके गुप्ता के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने के निर्देश मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पुलिस को दिए हैं। इसके अलावा तीन मेडिकल अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इनमें चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर आर भांगे परिवार नियोजन विभाग के डायरेक्टर केसी ओराओ, ब्लॉक मेडिकल अफसर हिमांशु तिवारी शामिल हैं।
इसके साथ ही राज्य सरकार ने मारी गई महिलाओं के परिजनों को चार-चार लाख रुपये का मुआवज़ा देने ऐलान किया है।
बिलासपुर जिले में तख्तपुर के पेंढारी इलाके में सरकार की ओर से लगाए गए इस कैंप में शनिवार को सर्जरी हुई थी। कैंप में नसबंदी कराने वाली 80 महिलाओं में से 11 की सर्जरी के बाद मौत हो गई है, जबकि 30 महिलाओं की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
घटना के बाद सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि उसकी ओर से कोई लापरवाही नहीं हुई है। वहीं, इस घटना में गंभीर तौर पर बीमार महिलाओं को 50 हज़ार रुपये मुआवजे की घोषणा की गई है।
बता दें कि यह एक लैप्रोस्कोपिक सर्जरी थी और संयोग से ये कैंप छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल के चुनाव क्षेत्र बिलासपुर में लगाया गया था।
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