रायपुर/जगदलपुर:
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से वापस लौट रही कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के काफिले पर शनिवार को नक्सलियों ने हमला बोल दिया। नक्सलियों के हमले में जगदलपुर कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा के मारे जाने और एक कांग्रेसी विधायक के दो सुरक्षा गार्डों के घायल होने की सूचना है।
कांग्रेस नेताओं के मुताबिक लगभग चार घंटों से उनके काफिले में शामिल बड़े नेताओं के बारे में कोई सूचना नहीं मिल रही है। कांग्रेसी सूत्रों के मुताबिक, नक्सलियों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल को अगवा कर लिया है। हालांकि उनका बेटा देर रात वापस लौट आया।
रायपुर में एडीजी मुकेश गुप्ता ने बताया है कि सभी नेता सुरक्षित हैं। सूत्रों ने हालांकि बताया है कि पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा की हत्या कर दी गई है, जबकि उनके बेटे अभी नक्सलियों की गिरफ्त में हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इलाके में एक हजार से ज्यादा नक्सली मौजूद हैं। जगदलपुर से सीआरपीएफ के जवानों को घटनास्थल की तरफ रवाना किया गया है। घाटी और जंगली इलाका होने की वजह से स्थिति पूरी तरह से साफ नहीं हो पा रही है।
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने घटना को नक्सलियों की कायराना करतूत बताते हुए पूरी जानकारी जुटाने का निर्देश दिया है।
स्थिति की समीक्षा के लिए रायपुर के पुलिस मुख्यालय में आला अफसरों की बैठक चल रही है।
जानकारी के अनुसार, नक्सलियों ने पहले गीरम घाटी में विस्फोट किया उसके बाद काफिले पर फायरिंग शुरू कर दी। काफिले में लगभग सोलह से बीस गाड़ियां शामिल थीं जिनमें लगभग 120 कार्यकर्ता सवार थे।
हमले में कांग्रेस के स्थानीय नेता गोपी माघवानी की गोली लगने से मौत हो गई है, जबकि दो अन्य कार्यकताओं को भी गोली लगने की खबर है। काफिले में शमिल कोंटा विधायक कवासी लखमा के पीएसओ को भी गोली लगने की जानकारी सामने आ रही है।
परिवर्तन यात्रा के काफिले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, धनेंद्र साहू, टीएस सिंहदेव सहित कई बड़े नेता शामिल थे।
पुलिस ने दावा किया है कि सीआरपीएफ ने कांग्रेस के बड़े नेताओं को अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया है।
कांग्रेस के नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने परिवर्तन यात्रा को शासन प्रशासन द्वारा नजरअंदाज करने आ आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अभी तक उनके नेताओं के सुरक्षित होने की ठोस जानकारी नहीं मिली है न ही उनसे संपर्क हो पा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे ने घटना की तीव्र भर्त्सना करते सरकार पर सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि पटेल के काफिले पर इससे पहले भी गरियाबंद के देवभोग के पास नक्सली हमला हुआ था जिसमें वे बाल-बाल बच गए थे। कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के पहले से ही नक्सलियों की हिट लिस्ट में शामिल थे, इसलिए उनकी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।
कांग्रेस नेताओं के मुताबिक लगभग चार घंटों से उनके काफिले में शामिल बड़े नेताओं के बारे में कोई सूचना नहीं मिल रही है। कांग्रेसी सूत्रों के मुताबिक, नक्सलियों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल को अगवा कर लिया है। हालांकि उनका बेटा देर रात वापस लौट आया।
रायपुर में एडीजी मुकेश गुप्ता ने बताया है कि सभी नेता सुरक्षित हैं। सूत्रों ने हालांकि बताया है कि पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा की हत्या कर दी गई है, जबकि उनके बेटे अभी नक्सलियों की गिरफ्त में हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इलाके में एक हजार से ज्यादा नक्सली मौजूद हैं। जगदलपुर से सीआरपीएफ के जवानों को घटनास्थल की तरफ रवाना किया गया है। घाटी और जंगली इलाका होने की वजह से स्थिति पूरी तरह से साफ नहीं हो पा रही है।
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने घटना को नक्सलियों की कायराना करतूत बताते हुए पूरी जानकारी जुटाने का निर्देश दिया है।
स्थिति की समीक्षा के लिए रायपुर के पुलिस मुख्यालय में आला अफसरों की बैठक चल रही है।
जानकारी के अनुसार, नक्सलियों ने पहले गीरम घाटी में विस्फोट किया उसके बाद काफिले पर फायरिंग शुरू कर दी। काफिले में लगभग सोलह से बीस गाड़ियां शामिल थीं जिनमें लगभग 120 कार्यकर्ता सवार थे।
हमले में कांग्रेस के स्थानीय नेता गोपी माघवानी की गोली लगने से मौत हो गई है, जबकि दो अन्य कार्यकताओं को भी गोली लगने की खबर है। काफिले में शमिल कोंटा विधायक कवासी लखमा के पीएसओ को भी गोली लगने की जानकारी सामने आ रही है।
परिवर्तन यात्रा के काफिले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, धनेंद्र साहू, टीएस सिंहदेव सहित कई बड़े नेता शामिल थे।
पुलिस ने दावा किया है कि सीआरपीएफ ने कांग्रेस के बड़े नेताओं को अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया है।
कांग्रेस के नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने परिवर्तन यात्रा को शासन प्रशासन द्वारा नजरअंदाज करने आ आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अभी तक उनके नेताओं के सुरक्षित होने की ठोस जानकारी नहीं मिली है न ही उनसे संपर्क हो पा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे ने घटना की तीव्र भर्त्सना करते सरकार पर सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि पटेल के काफिले पर इससे पहले भी गरियाबंद के देवभोग के पास नक्सली हमला हुआ था जिसमें वे बाल-बाल बच गए थे। कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के पहले से ही नक्सलियों की हिट लिस्ट में शामिल थे, इसलिए उनकी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।
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